बजट में आपने अक्सर सुना होगा 'राजकोषीय घाटा'? जानिए क्या हैं इसके मायने
By आदित्य द्विवेदी | Published: January 27, 2019 02:21 PM2019-01-27T14:21:43+5:302019-01-27T15:15:46+5:30
Fiscal Deficit meaning: बजट में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न शब्दों और बजट प्रक्रिया से अपने पाठकों को अवगत कराने के लिए Lokmat News ने एक अहम पहल 'जानें अपना बजट' शुरू किया है। इस सीरीज में हम आपको बजट से जुड़ी विभिन्न शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगे। आज जानिए राजकोषीय घाटे (fiscal Deficit) के बारे में...
अगले कुछ महीने में देश में आम चुनाव होने वाले हैं इसलिए सरकार इसबार अंतरिम बजट (Interim Budget) ही पेश करेगी। चुनाव होने के बाद नई सरकार की अंतिम बजट पेश करेगी। बजट केंद्र सरकार के वित्तीय लेनदेन की जानकारी देने वाली सबसे विस्तृत रिपोर्ट है। इसमें सरकार को सभी स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व और विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित व्यय की जानकारी होती है। इसबार 1 फरवरी मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया जाएगा।
बजट में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न शब्दों और बजट प्रक्रिया से अपने पाठकों को अवगत कराने के लिए Lokmat News ने एक अहम पहल 'जानें अपना बजट' शुरू किया है। इस सीरीज में हम आपको बजट से जुड़ी विभिन्न शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगे। आज जानिए बजट में अक्सर प्रयुक्त होने वाले राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) के बारे में।
जब कोई सरकार अपने बजट में आय से अधिक खर्च दिखाती है तो इसे घाटे का बजट कहते हैं। आमतौर पर भारत सरकार घाटे का बजट ही दिखाती हैं। इससे जनता को यह संदेश जाता है कि सरकार आय की अपेक्षा कल्याणकारी योजनाओं में खर्च ज्यादा कर रही है। इससे करदाताओं को भी यह लगता है कि सरकार उनसे कमाई नहीं कर रही बल्कि लोक कल्याण में खर्च कर रही है। बजट में तीन प्रकार के घाटे का ब्यौरा होता है- प्राथमिक घाटा, राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)। आज हम यहां बजट में इस्तेमाल किए जाने वाले राजकोषीय घाटे की बात करेंगे।
राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)
सरकार की कुल आय और व्यय में अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। राजकोषीय घाटा आमतौर पर राजस्व में कमी या पूंजीगत व्यय में अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है। राजकोषीय घाटे की भरपाई आमतौर पर केंदीय बैंक (रिजर्व बैंक) से उधार लेकर की जाती है या इसके लिए छोटी और लंबी अवधि के बॉन्ड के जरिए पूंजी बाजार से फंड जुटाया जाता है।
राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। वित्त मंत्रालय प्रत्येक वर्ष बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय करता है। आम बजट 2018-19 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत रखा गया है। राजकोषीय घाटा अधिक होने से महंगाई बढ़ने का खतरा होता है।