दूषित कोयला आधारित बिजलीघरों से बिजली खरीदने में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात आगे: सीएसई

By भाषा | Updated: January 5, 2021 22:30 IST2021-01-05T22:30:11+5:302021-01-05T22:30:11+5:30

West Bengal, Telangana, Gujarat ahead in purchasing power from contaminated coal-fired power stations: CSE | दूषित कोयला आधारित बिजलीघरों से बिजली खरीदने में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात आगे: सीएसई

दूषित कोयला आधारित बिजलीघरों से बिजली खरीदने में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात आगे: सीएसई

नयी दिल्ली, पांच जनवरी प्रदूषण फैलाने वाले कोयले से चलने वाले बिजलीघरों से बिजली खरीदने के मामले में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात आगे हैं।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने एक अध्ययन में कहा कि इसमें पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है। राज्य 84 प्रतिशत बिजली पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित सल्फर डाई ऑक्साइड उत्सर्जन मानकों का अनुपालन नहीं करने वाले कोयला आधारित बिजलीघरों से प्राप्त करता है।

तेलंगाना (74 प्रतिशत) और गुजरात (71 प्रतिशत) भी इस मामले में नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले नौ बड़े राज्यों में शामिल हैं।

सीएसई ने कहा कि औसतन 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 58 प्रतिशत तापीय बिजली पर्यावरण दृष्टिकोण से ‘दूषित’ कोयला आधारित बिजलीघरों से प्राप्त करते हैं।

संस्थान के कार्यक्रम उप-प्रबंधक (औद्योगिक प्रदूषण इकाई) सुंदरम रामनाथन के अनुसार, ‘‘अस्वच्छ कोयला आधारित बिजलीघर वे हैं जिन्होंने अब तक उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिये कोई प्रगति नहीं की है। जिन बिजलीधरों ने मानकों को पूरा करने के लिये ठेका दिये हैं, उन्हें ‘स्वच्छ’ कोयला आधारित बिजलीघरों की श्रेणी में रखा गया है।’’

मंत्रालय ने सूक्ष्म कणों (पार्टिकुलेट मैटर), सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड के उर्त्सजन को लेकर नियमों को 2015 में अधिसूचित किया था। बिजलीघरों को इसका अनुपालन 2017 में करना था।

नौ राज्य...पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु... इस मामले में सबसे बड़े चूककर्ता हैं।

सीएसई की रिपोर्ट के अनुसार औसतन ये राज्य ‘बिना सफाई वाले’ कोयला आधारित बिजलीघरों से 60 प्रतिशत तापीय बिजली ले रहे हैं।

सीएसई के कार्यक्रम निदेशक, औद्योगिक प्रदूषण नीवित कुमार यादव ने कहा, ‘‘कोयला आधारित बिजलीघर प्रदूषण फैलाने वाले तीन प्रमुख तत्वों... सूक्ष्म कण, नाइट्रोजन ऑक्साइ और सल्फर डाई ऑक्साइड... का उत्सर्जन करते हैं। बिजलीघर सल्फर डाई ऑक्साइड मानदंडों के अनुपालन के मामले में विशेष रूप से पीछे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सल्फर डाई ऑक्साइड मानदंड के मामले में बिजलीघरों की प्रगति पर विचार किया। इसी के आधार पर सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाले बिजलीघरों की पहचान की गयी।

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Web Title: West Bengal, Telangana, Gujarat ahead in purchasing power from contaminated coal-fired power stations: CSE

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