लखनऊः उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों की मिलीभगत से करोड़ों हड़पे गए हैं. यह भी पता चला है कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से रेलवे लाइन और फूड कार्पोरेशन की जमीन पर भी फसलबीमा कराकर रकम हड़पी गई गई. बंजर जमीन पर भी फसल बीमा का क्लेम लिया गया. एक अनुमान के अनुसार करीब 40 करोड़ रुपए का क्लेम फर्जी तरीके से लिया गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हुई धांधली के कई मामले सामने आने के बाद महोबा में 26 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. बुंदेलखंड के कई जिलों में कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी से विभागीय अधिकारियों को सतर्क किया है और बीमा कंपनी के निदेशक प्रबंधक निखिल चतुर्वेदी सहित फसल बीमा में धांधली करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
कई जिलों में हुआ घोटाला
राज्य के कृषि निदेशक के अनुसार, प्रदेश में हर साल 31 लाख से अधिक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा कराते हैं. बीते साल यानी वर्ष-2024-24 में 31.27 लाख किसानों के प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया था. इस वर्ष अभी तक (रबी सीजन में) 24.46 लाख किसानों ने फसल बीमा कराया है. वर्ष 2023-24 में 30.40 लाख किसानों के फसल बीमा कराया था.
हाल ही में राज्य के महोबा, झांसी, ललितपुर, फर्रूखाबाद समेत अन्य जिलों प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना में करोड़ों रुपए हड़पे जाने की शिकायत मिली. उन्हें गंभीरता से लेते हुए जांच कराने के आदेश दिए गए. जांच से ये पता चला, बुन्देलखंड में महोबा सहित कई जिलों में धानमंत्री फसल बीमा योजना में करीब 40 करोड़ रूपए हड़पे गए है.
इस धांधली में बीमा कंपनियों और कृषि तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के शामिल होने के सबूत मिले.तो 26 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई, लेकिन अभी तक बीमा कंपनियों और कृषि तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है.
महोबा में ही काली पहाड़ी गांव के किसान कमला प्रसाद के चार हेक्टेयर के खाली खेत पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कुछ लोगों ने करीब 15 लाख रुपये का बीमा क्लेम निकाल लिया. इसी तरह झांसी के सिमरिया गांव में रहने वाले किसान मदन मोहन सिंह राजपूत के खाते पर बीमा का क्लेम ले लिया गया और उन्हें पता भी नहीं चला.
कई अन्य किसानो के खेत का बीमा क्लेम हड़पा गया. ललितपुर में किसान जितेंद्र ने शिकायत ही है कि उनके क्षेत्र में फसल बीमा योजना में दो से तीन करोड़ रुपए का घपला हुआ है. कई किसान संगठनों का दावा है कि प्रदेश के हर जिले में फसल बीमा योजना में घोटाला हुआ है. प्रदेश सरकार को सीबीआई जांच करानी चाहिए ताकि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. बुंदेलखंड के झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट और जालौन के किसान नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन कर रहे हैं.
कृषि मंत्री का दावा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में घपले के मामले सामने आने पर सूबे के कृषि में सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस मामले में मिली हर शिकायत की जांच कराई जा रही है. यह मामला किसान और बीमा कंपनियों के बीच का है और हर दोषी पर कार्रवाई होगी.
राज्य के कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी महोबा में हुए फसल बीमा घोटाले में कार्रवाई की जा रही है. हर शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और जिलों के जिलाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. भविष्य में ऐसी घटना न आ हो इसके लिए सांख्यिकी विभाग को भी सतर्क किया गया है.
यूपी में पीएम फसल बीमा योजना का ब्यौरा :
वर्ष किसान बीमित राशि क्षतिपूर्ति राशि2024-25 31.27 लाख 14902.43 408.412025-26 24.46 लाख 10136.84 142.02
(नोट : बीमित और क्षतिपूर्ति राशि करोड़ में)