यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की जमीन तैयार, नजर ठोस नतीजों पर
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 20, 2018 07:49 PM2018-02-20T19:49:45+5:302018-02-20T19:51:03+5:30
उत्तर प्रदेश के निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। जानें खास बातें...
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान संवर चुका है। मौका है दो दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का। 21-22 फरवरी को होने वाले इस आयोजन के लिए सरकारी तंत्र पूरी तरह से सक्रिय है। इस सम्मेलन से योगी सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। यूपी इनवेस्टर्स समिट में अब तक राज्य सरकार और निवेशकों के बीच 900 एमयोयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। महीनों से इस सम्मेलन की तैयारियां चल रही थी जिसमें अपराधियों का ताबड़तोड़ एनकाउंटर भी शामिल है। माना जा रहा है कि ऐसा निवेशकों और कारोबारियों को भयमुक्त माहौल देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय का कहना है,
- सुरक्षा की दृष्टि से किसी को भी फोटो पहचान-पत्र के बगैर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, और इसमें सांसद और विधायक भी शामिल होंगे।
- सम्मेलन में दो दिनों के भीतर कई सत्र आयोजित किए जाएंगे। अलग-अलग सत्रों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संबंधित विभागों के मंत्री शामिल रहेंगे।
- सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे।
- प्रधानमंत्री के अलावा इस सम्मेलन में रेल राज्य मंत्री एवं दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, हरशिमरत कौर, सुरेश प्रभु, केंद्रीय उड्डयन मंत्री और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली सहित कई अन्य मंत्री मौजूद रहेंगे।
- सम्मेलन में बाहर से आने वालों के लिए पार्किंग सुविधा का खासतौर पर ख्याल रखा गया है। कार्यक्रम स्थल से लगभग 500 मीटर दूर स्थित रेलवे की पार्किंग में 3000 गाडियों की पार्किंग की व्यवस्था कराई गई है। इसके अतिरिक्त पंजाब नेशनल बैंक की पार्किंग में भी व्यवस्था की गई है।
- सांसदों और विधायकों को भी फोटो पहचान-पत्र लाना अनिवार्य होगा। बिना इसके कोई भी व्यक्ति परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने इस मौके पर कहा,
- सरकार बनने के बाद नवम्बर में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वह यूपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का प्रदेश बनाना चाहते हैं। इसीलिए प्रदेश में यह सम्मेलन बहुत आवश्यक है।
- इसके लिए कई जगहों पर रोड शो का आयोजन किया गया। इसके बाद भी कई राज्य का दौरा कर निवेशकों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया।
- मैं पिछले 27 वर्षो से विधानसभा में चुनकर आ रहा हूं, लेकिन मैंने ऐसा सम्मेलन नहीं देखा है। सम्मेलन के बाद भी हम चैन से बैठने वाले नही हैं। असली काम तो इसके बाद शुरू होगा।
- उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने लायक माहौल बनने का यकीन दिलाया गया है। सुरक्षा व उद्योग के लिए जरूरी सुविधाओं तक के प्रति आश्वस्त किया। उद्यमी उद्योग लगाएं, हम उन्हें सुरक्षा की गारंटी देते हैं।
- औद्योगिक विकास स्लोगन से नहीं होता, इसके लिए उचित माहौल बनाना होता है। यह माहौल सरकार ने तैयार कर दिया है। बात सुविधाओं के सरलीकरण की हो या फिर सुरक्षा की, जो भी जरूरी है, सरकार वह हर कदम उठा रही है।
यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2018 की अन्य बड़ी बातेंः-
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में यह कहा था कि उत्तर प्रदेश में अब तक 1200 एनकाउंटर हो चुके हैं और जरूरत पड़ी तो यह आगे भी जारी रहेंगे। योगी ने कानून व्यवस्था को लेकर अपनी मंशा पहले ही साफ कर दी थी। यूपी में 1200 एनकाउंटरों के बाद क्या सरकार निवेशकों के मन से भययुक्त माहौल के डर को दूर करने का भरपूर प्रयास कर रही है।
- 21-22 फरवरी को लखनऊ में होने वाले इस आयोजन से पहले सरकार ने पूरे देश में माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और मुंबई में इन्वेस्टर्स समिट के लिए रोड शो भी हुआ, जिसमें 200 से अधिक उद्योगपतियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- रोड शो के दौरान उद्यमियों के सामने सरकार की नई औद्योगिक नीति, इसके तहत उद्यमियों को दी जाने वाली रियायत और सरकार की मंशा से अवगत कराते हुए उप्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया। इन रोड शो की उपलब्धि यह रही कि कई उद्यमियों ने प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है।
- योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। इसी क्रम में पहले नई औद्योगिक नीति लाई गई। फिर 13 कमर्शियल कोर्ट की स्थापना की घोषणा की गई। इसके बाद राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के गठन किया गया और अब विभिन्न राज्यों में रोड शो हुआ।
- समिट में नीदरलैंड, जापान, चेक गणराज्य, फिनलैंड, स्लोवाकिया और मॉरीशस पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हो रहे हैं। 21 फरवरी को औद्योगिक विकास से संबंधित आठ सत्र और 22 फरवरी को निवेशकों के वार्तालाप सहित आठ सत्र आयोजित किए जाएंगे। समिट के पहले दिन के सत्रों के मुख्य विषय इस प्रकार रखे गए हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित मंत्री शिरकत करेंगे।\
* समाचार एजेंसी IANS से इनपुट्स लेकर