अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी को अब सीएम योगी करेंगे पूरा?, योगी कैबिनेट ने दी इन प्रस्तावों को मंजूरी
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 3, 2025 15:31 IST2025-07-03T15:30:13+5:302025-07-03T15:31:22+5:30
योगी सरकार के आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी द्वारा जेपीएनआईसी के निर्माण में भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोप के चलते सरकार ने यह फैसला लिया था.

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लखनऊः राजधानी लखनऊ में बीते आठ वर्षों से बंद जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) की मरम्मत कराकर को जल्दी ही योगी सरकार उसे खोलेगी. दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर गोमती नगर में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू कराया था. यह अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट था. साल 2017 तक इसके निर्माण पर 821.74 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. इसी बीच योगी सरकार यूपी की सत्ता पर काबिज हो गई और जेपीएनआईसी के निर्माण रोक दिया गया. योगी सरकार के आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी द्वारा जेपीएनआईसी के निर्माण में भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोप के चलते सरकार ने यह फैसला लिया था. सरकार ने जेपीएनआईसी के निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले की जांच भी कराई लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.
ऐसे में आठ वर्षों ए बंद पड़े जेपीएनआईसी की मेंटिनेंस कराकर उसका संचालन लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौपने का फैसला गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. इसके अलावा आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए नए लिंक एक्सप्रेसवे को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
योगी सरकार पर लग रहे थे आरोप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां लोकभवन में हुई कैबिनेट में करीब 18 प्रस्तावों पर चर्चा की गई और 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें बंद पड़े जेपीएनआईसी को शुरू करने का फैसला की सबसे प्रमुख रहा है. जेपीएनआईसी के निर्माण में सरकार 821.74 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी इसका उपयोग ना किए जाने को लेकर योगी सरकार पर उंगली उठाई जा रही थी.
कहा जा रहा था कि योगी सरकार राजनीतिक कारणों के चलते जेपीएनआईसी को शुरू करने में रुचि नहीं ले रही थी. ऐसे आरोपों का संज्ञान लेते हुए ही जेपीएनआईसी की मेंटेनेंस कराकर कर उसे शुरू करने का फैसला लिया गया. राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के अनुसार, जेपीएनआईसी की कमान अब एलडीए को सौंपने का फैसला किया गया है.
एलडीए इसे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की तर्ज पर चलाया जाएगा. जेपीएनआईसी को बहुउद्देशीय सम्मेलन केंद्र के रूप में तैयार किया गया था. करीब 18.6 एकड़ में फैले जेपीएनआईसी को रियल एस्टेट कंपनी शालीमार के संजय सेठ ने बनाया है. संजय सेठ वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं. मंत्री नंद गोपाल गुप्ता का कहना है कि जेपीएनआईसी के मेंटेनेंस के लिए योगी सरकार धन देगी और जल्दी ही एलडीए इसका संचालन करेगा.
जेपीएनआईसी की खासियत
जेपीएनआईसी का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू हुआ था. 19 मंजिले जेपीएनआईसी में दो हजार लोगों की क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल है. इसके अलावा 107 कमरों वाला लग्जरी होटल, जिम, स्पा, सैलून, रेस्त्रां, स्वीमिंग पूल, बैडमिंटन, टेनिस व स्क्वैश कोर्ट के अलावा ड्राइविंग पूल भी इसमें है. 1200 वाहनों के लिए बहुमंजिला पार्किंग और जयप्रकाश नारायण के जीवन और विचारों से जुड़ा संग्रहालय भी यहां है. इस 19 मंजिला इमारत में ओपन एयर रेस्त्रां और हेलीपैड भी है.
योगी कैबिनेट ने दी इन प्रस्तावों को मंजूरी
- उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन को मिली मंजूरी.
- यूपी ग्राम विकास अधिकारी सेवा नियमावली 2025 को मिली मंजूरी.
- यूपी उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली 1975 में संशोधन को मिली मंजूरी.
- बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी एरिया रेगुलेशन 2025 पर लगी मोहर.
- उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली 1975 में संशोधन को मंजूरी मिली.
- उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग वेटनरी फार्मासिस्ट सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी।
- यूपी भाषा संस्थान के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने की मंजूरी मिली.
- यूपी में निजी क्षेत्र के अंतर्गत डॉ. के एन मोदी विश्वविद्यालय, मोदीनगर, गाजियाबाद की स्थापना को मंजूरी.
- यूपी विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशन - 2025 लागू करने को मंजूरी।
