भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां शुक्रवार को कहा कि भारत का केंद्रीय बैंक उद्यमशील लोगों को अपनी ऊर्जा का खुल कर इस्तेमाल करने का अवसर देता रहेगा ताकि देश पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ सके।
दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में इस समय जो नरमी दिख रही है, यह अस्थायी है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह पुन: सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर लेगी। वह यहां भारतीय व्यावसायिक समुदाय से चर्चा कर रहे थे।उन्होंने कहा, ‘ हमारी नीति का यह केंद्रीय उद्देश्य बना रहेगा कि उद्यमशील लोगों को अपनी ऊर्जा का खुल कर प्रयोग करने का अवसर मिल सके और भारत पांच साल में 5 हजार अमेरिकी डालर की अर्थव्यवथा बनने की राह पर मजबूती से आगे बढता रहे।’’ इस सम्मेलन में विभिन्न कंपनियों के 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि देश का वित्तीय क्षेत्र अपनी स्थिति ठीक करने और बैलेंसशीट के दबाव से उबर रहा है। अर्थव्यवस्था को पुन: तेजी के साथ आगे बढ़ाने के लिए मांग में तेजी से सुधार लाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘मांग को उत्प्रेरित करना इस समय सरकार और रिजर्व बैंक की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।’
उन्होंने कहा , ‘कुछ बुनियादी सुधार किए जाने की जरूरत है और मैं इस बात से खुश हूं कि कुछ बुनियादी सुधार आगे किए जाने वाले हैं।’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के बाकी समय के लिए बजट की घोषणा हो चुकी है। इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा और इसका अर्थव्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। दास दो दिन के लिए सिंगापुर आए थे। इस दौरान उन्होंने यहां उप प्रधानमंत्री हेंग स्वी कीएट और सिंगापुर के बैंकिंग नियामक (मौद्रिक प्राधिकरण) के प्रबंध निदेशक रवि मेनन से मुलाकात की। वह कुछ वैश्विक वित्तीय कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से भी मिले।