वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को लोकसभा में पांचवां बजट किया। बजट पेश करते दौरान अरुण जेटली ने अपने भाषण में बताया कि 4 साल में टैक्स देने वालों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही 19.25 लाख नए टैक्स पेयर्स बढ़े हैं। नोटबंदी का असर बताते हुए जेटली ने कहा कि 90 हजार करोड़ टैक्स कलेक्शन बढ़ा है। लेकिन नए बजट में इनकम टैक्स स्लैब में काई बदलाव नहीं है।
इस साल भी वहीं इनकम टैक्स स्लैब वही रहेगी जो 2017-18 में थी। वहीं मीडिल क्लास के मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया। इससे जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा. इसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा। इसके अलावा हाउस ऐंड ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर भी मामूली राहत का ऐलान किया गया। शिक्षा और स्वास्थ्य पर 1 फीसदी सेस बढ़ा, यानि सेस 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 हुआ।
60 साल तक के पुरुषों के लिए इनकम टैक्स स्लैब
60 साल तक के महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब
2017 के आम बजट में टैक्स में छूट
- 3.5 लाख रुपय तक की इनकम पर 2500 की छूट 87A के अंतर्गत मिलती है. इससे कुल टैक्स में से 2500 रुपय कम हो जाते हैं। इसकी वजह से 3 लाख रुपय तक की आय टैक्स फ्री हो जाती है।
सरचार्ज -50लाख रुपय से 1 करोड़ रुपय तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज -1 करोड़ रुपय से ऊपर की आय पर 15 फीसदी सरचार्ज
सेस कुल इनकम पर 3 फीसदी सेस और साथ में सरचार्ज
60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम की महिलाओं के लिए
60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम की पुरुषों के लिए स्लैब
सरचार्ज
- 50 लाख रुपय से 1 करोड़ रुपय तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज -1 करोड़ रुपय से ऊपर की आय पर 15 फीसदी सरचार्ज
सेस (अतिरिक्त कर)
कुल इनकम टैक्स पर 3 फीसदी सेस और साथ में सरचार्ज
80 साल से ज्यादा के पुरुषों के लिए ये होंगे स्लैब
सरचार्ज
1 करोड़ रुपय से ऊपर की आय पर 15 फीसदी सरचार्ज
सेस (अतिरिक्त कर)
कुल आयकर पर 3 फीसदी सेस और साथ में सरचार्ज