बज़ट 2018: नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले चार बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए किए थे क्या-क्या वादे

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 31, 2018 05:55 PM2018-01-31T17:55:09+5:302018-01-31T18:45:56+5:30

अरुण जेटली एक फ़रवरी को नरेंद्र मोदी सरकार का आख़िरी पूर्ण बज़ट पेश करेंगे। अगले साल लोक सभा चुनाव होने हैं ऐसे में सभी की निगाहें मोदी सरकार के इस बज़ट पर है।

Union Budget 2018: Narendra Modi and Arun jaitley Last 4 Budget Education Sector Allocation | बज़ट 2018: नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले चार बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए किए थे क्या-क्या वादे

बज़ट 2018: नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले चार बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए किए थे क्या-क्या वादे

भारतीय जनता पार्टी जब 1998 में पहली बार केंद्र की सत्ता में आयी तो तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शिक्षा का बज़ट दोगुना करते हुए प्रतिबद्धता जतायी थी कि चरणबद्ध तरीके से जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। करीब दो दशकों बाद भी शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का छह प्रतिशत खर्च करना स्वप्न ही है। देश में शिक्षा की स्थिति बेहतर बनाने से जुड़े सुझाव देने के लिए गठित कोठारी कमीशन (1966-68) की राय थी कि भारत को जीडीपी का करीब छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। कोठारी कमीशन की रिपोर्ट को धूल खाते हुए दशक पर दशक बीतते जा रहे हैं लेकिन ये मकसद आज तक पूरा नहीं हो पाया है। 

16 मई 2014 को लोक सभा चुनाव 2014 को नतीजा आया। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री और अरुण जेटली ने वित्त मंत्री के तौर पर शपथ ली। 10 जुलाई 2014 को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया। लेकिन मोदी सरकार भी जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा के लिए नहीं आवंटित कर सकी। 1999 में बीजेपी सरकार ने जीडीपी का 4.4 प्रतिशत शिक्षा के लिए आवंटित किया था। मोदी सरकार ने  वित्त वर्ष (2017-18) में शिक्षा क्षेत्र के लिए जीडीपी का करीब 3.71 प्रतिशत आवंटित किया। एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बज़ट पेश करेंगे। आने वाले डेढ़ सालों में लोक सभा चुनाव समेत करीब एक दर्जन राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार के इस बज़ट पर चुनावी तैयारी का असर दिखेगा। आइए एक नज़र डालते हैं कि मोदी सरकार ने अपने पिछले चार बज़ट में शिक्षा क्षेत्र के लिए क्या-क्या खास घोषणाएं की थीं-

'बजट-2014' में शिक्षा के लिए आवंटन

- कुल 68,728 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किये गये थे। साल 2013-14 के 61,857 करोड़ रुपये से ये 11.1 प्रतिशत ज्यादा था।

- साल 2014-15 में 23,700 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के लिए आवंटित किए गये, स्कूली शिक्षा के लिए 46,805 करोड़ रुपये 

- मणिपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से खेल विश्वविद्यालय की स्थापना

- अलग-अलग खेलों के लिए देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों में नेशनल स्पोर्ट्स एकैडमी की स्थापना

- एफटीआईआई पुणे और एसआरएफटीआई कोलकाता को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा 

- 5 नए आईआईएम और 5 नए आईआईटी का स्थापना

- 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना जिनमें डेंटल अस्पताल भी होगा

- पाँच नए एम्स की स्थापना, इसके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित थे। इनमें से आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, विदर्भ और पूर्वांचल में एक-एक एम्स होंगे। 

- बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ योजना की शुरुआत, इसके लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन

- मदरसों के अपग्रेडेशन के लिए 100 करोड़ रुपये

- पंडित मदन मोहन मालवीय न्यू टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत, इसके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित

- सर्व शिक्षा अभियान के लिए 28,635 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 4966 करोड़ रुपये

- 30 करोड़ रुपये लागत से स्कूल असेसमेंट प्रोग्राम की शुरुआत

- विभिन्न राज्यों में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपये की स्थापना

- यंग लीडर प्रोग्राम के लिए 100 करोड़ रुपये 

- डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित

- स्किल इंडिया का प्रस्ताव, नौजवानों को कुशल कामगार बनाने के लिए प्रशिक्षण देने के लिए केंद्र खोलने का प्रस्ताव 

- राष्ट्रीय रोजगार केंद्रों को करियर सेंटर और इन्फॉर्मेशन और काउंसेलिंग सेंटर के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव

- मिड डे मील के लिए 1296.50 करोड़ रुपये

'बजट-2015' में शिक्षा के लिए आवंटन

- साल 2015 के केंद्रीय बज़ट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 68,968 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

- उच्च शिक्षा के लिए 26,855 करोड़ रुपये आवंटित किए गये (पिछले साल से 13.3 प्रतिशत ज्यादा), स्कूली शिक्षा के लिए 42,219.50 करोड़ रुपये 

- 80 हजार सेकेंडरी स्कूल का निर्माण और अपग्रेडेशन, 75 हजार जूनियर और मिडिल स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाना

-  प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी कार्यक्रम के तहत दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए उच्च शिक्षा लोन के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित

- रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन मिशन के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित

- सर्व शिक्षा अभियान के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित

- मिड डे मील के लिए 132 करोड़ रुपये, पिछले बज़ट से ये राशि 10 गुना कम थी

- अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार हर पाँच किलोमीटर पर एक सेकेंडरी स्कूल प्रदान करना चाहती है और 80 हजार सेकेंडरी स्कूलों को अपग्रेड करना चाहती है

'बजट-2016' में शिक्षा के लिए आवंटन

- शिक्षा क्षेत्र के लिए 72,394 करोड़ रुपये का कुल बज़ट, पिछले बज़ट की तुलना में 4.9 प्रतिशत बढ़ोतरी

- स्कूली शिक्षा के लिए 43,554 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 28,840 करोड़ रुपये 

- 10 प्राइवेट और 10 सरकारी संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने की पहल

- एकैडमिक सेक्टर में नकल और चोरी रोकने के लिए एकैडमिक रिकॉर्ड का डिजिटल रिपॉजटरी बनाने का प्रस्ताव

- 1500 स्किल डेवलपमेंट सेंटर विकसित करने के लिए 1700 करोड़ रुपये आवंटित ताकि अगले तीन सालों में एक करोड़ युवकों को कुशल श्रमिक बनाया जा सके

- एससी और एसटी में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन 

- स्किल डेवलपमेंट के लिए 1804 करोड़ रुपये आवंटित

-  अगले तीन सालों में छह करोड़ परिवारों में डिजिटल साक्षरता पहुँचाने के लिए  डिजिटल लिट्ररेसी मिशन 

- 62 नए नवोदय विद्यालयों की स्थापना

- 1000 करोड़ रुपये के फंड से हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (एचईएफए) की स्थापना

बजट-2017 में शिक्षा के लिए आवंटन

- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 का आम बजट पेश किया

- इस बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 79, 685.95 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया

-इसमें से स्कूली शिक्षा (प्राथमिक और सीनियर सेकेंडरी) के लिए  46,356.25 करोड़ रूपए और शेष उच्च शिक्षा के लिए आवंटित किया गया है

- इसमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन कोर्सेज की शुरूआत

- झारखंड और गुजरात में नए एम्स की स्थापना

- सीबीएसई की भूमिका केवल शैक्षिक कार्यों तक सीमित रहेगी और उच्च शिक्षा के लिए यूजीसी में सुधार किया जाएगा

Web Title: Union Budget 2018: Narendra Modi and Arun jaitley Last 4 Budget Education Sector Allocation

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