Titan Company Jobs 2023: टाइटन कंपनी की अगले पांच साल में इंजीनियरिंग, डिजाइन, लक्जरी, डिजिटल, डेटा विश्लेषण, विपणन और बिक्री सहित अन्य क्षेत्रों में 3,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना है। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कंपनी को डेटा विश्लेषण, साइबर सुरक्षा, उत्पाद प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग और अन्य नए जमाने के कौशल जैसे क्षेत्रों के लिए कुशल पेशेवरों की तलाश है। टाइटन कंपनी की प्रमुख (मानव संसाधन-कॉरपोरेट और खुदरा) प्रिया एम. पिल्लई ने कहा, ‘‘हम अगले पांच साल में 1,00,000 करोड़ रुपये का कारोबार बनने के लिए एक रोमांचक यात्रा शुरू कर रहे हैं। अगले पांच साल में हम 3,000 नए लोगों को जोड़ेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अपने लोगों को आगे बढ़ाने के साथ यदि हम विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ लाते हैं, तो यह अच्छा होगा। इससे हमारी वृद्धि और नवोन्मेषण तेज होगा। उद्योग में हमारी स्थिति और मजबूत होगी।’’ फिलहाल कंपनी के कार्यबल का 60 प्रतिशत महानगरों में कार्यरत है। वहीं 40 प्रतिशत दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में है।
आईटी क्षेत्र में भर्तियों में सुस्ती के बीच ईआरपी, प्रशासन जैसे कौशल वाले पेशेवरों की मांग बढ़ी
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में भर्तियों की रफ्तार सुस्त रहने के बीच ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना), वाहन डिजायन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल क्षेत्र में दक्ष पेशेवरों की मांग में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रही है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
पेशेवर समाधान प्रदाता क्वेस कॉरपोरेशन ‘स्किल्स रिपोर्ट’ के अनुसार, आईटी क्षेत्र में कंपनियों ने भू-राजनीतिक तनाव के बीच ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपनाया हुआ है, और विवेकाधीन खर्च को रोक दिया है, इससे क्षेत्र में नियुक्तियों की रफ्तार धीमी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि, आईटी क्षेत्र में विकास, ईआरपी, वाहन डिज़ाइन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल वाली प्रतिभाओं की मांग चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान बढ़ती रही। क्वेस आईटी स्टाफिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शिवराम ने कहा, “हाल के समय में पहली बार बड़ी आईटी सेवा कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखी है, जो भविष्य में सामूहिक रूप से उनके सतर्क रुख का संकेत देता है।
हमारा मानना है कि यह अनिश्चितता का दौर एक या दो तिमाहियों में और जारी रहेगा जिसके बाद इसमें तेजी आनी शुरू होगी।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, मुख्य सेवा प्रदाता (एमएसपी) और भर्ती प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (आरपीओ) जैसे मॉडल को अपनाना, साथ ही पूर्व-मूल्यांकन की गई भर्ती की आवश्यकता प्राथमिकता बनी हुई है।
उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह है कि जीसीसी (वैश्विक क्षमता केंद्र) पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से बढ़ रहा है, और जनरेटिव एआई (कृत्रिम मेधा) आने से हम भारतीय आईटी क्षेत्र में अतिरिक्त प्रौद्योगिकी के एकीकरण की उम्मीद करते हैं, जिसमें काफी दीर्घकालिक संभावनाएं हैं।”