साहस दिखाने का समय, वृद्धि को गति देने के लिये जरूरत पड़ने पर राजकोषीय बढ़ने दिया जाए: कामत
By भाषा | Updated: July 16, 2021 20:11 IST2021-07-16T20:11:45+5:302021-07-16T20:11:45+5:30

साहस दिखाने का समय, वृद्धि को गति देने के लिये जरूरत पड़ने पर राजकोषीय बढ़ने दिया जाए: कामत
मुंबई, 16 जुलाई ब्रिक्स देशों के नव विकास बैंक के पूर्व प्रमुख केवी कामत ने शुक्रवार को कहा कि यह समय सरकार के लिये ‘साहस’ दिखाने का है और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये अगर जरूरी हो तो बजट में निर्धारित राजकोषीय घाटा लक्ष्य बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के समक्ष 25 साल के लिये तीव्र गति से वृद्धि हासिल करने का अवसर है। आठ प्रतिशत से कम ब्याज दर और प्रचुर मात्रा में तरलता उस अवसर को भुनाने के लिये भी जरूरी है।
लंबे समय तक आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े रहे कामत ने कहा कि सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिये राजकोषीय धाटा 6.8 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है। हालांकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जो दुष्प्रभाव पड़ा है, उससे निपटने के लिये सरकार को खर्च बढ़ाने की जरूरत है, भले ही राजस्व संग्रह कम हो।
उन्होंने उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह समय साहस दिखाने का है...जो चुनौती हमारे सामने है, उससे निपटने का यही तरीका है। जिस सीमा तक आप बजट को बढ़ा सकते हैं, उसे बढ़ाइये।’’
उन्होंने कहा कि सरकार बजट पेश करते समय ही साहस दिखा दी है और वे यह सुनिश्चित करने के लिए घाटे को बढ़ाने के लिए तैयार हैं कि देश वृद्धि की राह पर बना रहे।
कामत के अनुसार उन्हें नहीं लगता कि परियोजनाओं के लिए धन जुटाने और संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने जैसे वित्तपोषण के नये विकल्पों के कारण राजकोषीय घाटा बहुत व्यापक होगा।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अगले 25 वर्षों तक आगे बढ़ने के लिए मजबूत स्थिति में है। उन्होंने इसे ‘हमारे समक्ष विकास का रनवे’ करार दिया।
कामत ने कहा कि हालांकि तीव्र दर से वृद्धि हासिल करने के लिये जरूरी है कि ब्याज दर नरम हो और 8-9 प्रतिशत से ऊपर नहीं जए तथा नकदी पर्याप्त हो। इस मामले में आरबीआई ने प्रतिबद्धता दिखायी है, जो स्वागत योग्य है।
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