Jharkhand: औद्योगिक नगरी बोकारो में पसरा सन्नाटा, बीएसएल में उत्पादन ठप होने से स्टील प्लांट को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान
By एस पी सिन्हा | Updated: April 6, 2025 15:13 IST2025-04-06T15:12:46+5:302025-04-06T15:13:22+5:30
Jharkhand: बीएसएल के प्रशासनिक भवन के समक्ष अप्रेंटिस संघ द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर गुरुवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें प्रेम कुमार महतो की मौत हो गई और कई अन्य प्रदर्शनकारी घायल हुए।

Jharkhand: औद्योगिक नगरी बोकारो में पसरा सन्नाटा, बीएसएल में उत्पादन ठप होने से स्टील प्लांट को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान
Jharkhand: झारखंड में औद्योगिक नगरी बोकारो में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है। कहीं कोई आहट मिलते ही पुलिस चौकस हो जाती है। बोकारो स्टील प्लांट में इन दिनों उत्पादन लगभग ठप हो गया है। पिछले चार पांच दिनों से जारी आंदोलन के कारण स्टील प्लांट में न तो कर्मचारी जा पा रहे हैं और ना ही बाहर निकल पा रहे हैं। फलस्वरूप स्टील प्लांट को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है। दरअसल, बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के प्रशासनिक भवन के समक्ष गुरुवार को पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज में अप्रेंटिस प्रेम कुमार महतो की मौत के बाद विस्थापितों का गुस्सा शुक्रवार को विस्फोटक रूप में सामने आया था।
इसके बाद जिलेभर में आहूत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। बीएसएल के सभी गेट जाम कर दिए गए, जिससे प्लांट में आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। इसके साथ ही एनएच-23 (राष्ट्रीय राजमार्ग) को पूरी तरह जाम कर दिया गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। बीएसएल के प्रशासनिक भवन के समक्ष अप्रेंटिस संघ द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर गुरुवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें प्रेम कुमार महतो की मौत हो गई और कई अन्य प्रदर्शनकारी घायल हुए।
इस घटना ने पूरे बोकारो में आक्रोश की लहर दौड़ा दी। आजसू पार्टी द्वारा बुलाए गए बंद को कांग्रेस व जेएलकेएम जैसे दलों का भी समर्थन मिला। आजसू जिलाध्यक्ष ने कहा कि विस्थापितों के साथ अन्याय हुआ है, प्रशिक्षित स्थानीय युवाओं को दरकिनार कर बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युवाओं को केवल इंतजार करने के लिए कहा गया है, वे इतने सालों से इंतजार कर रहे हैं।
बताया जाता है कि 1967-68 में, प्लांट की स्थापना की गई थी, जिसमें 20,000 रोजगार के वादों के साथ हमारी 34,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य विस्थापित युवा ने कहा कि 2016 में, सरकार ने नौकरी देने के लिए 4,328 विस्थापित युवाओं की पहचान की और 45 से ऊपर के लोगों को दुकानें चलाने की सुविधा देने का वादा किया गया। 2016 से 2022 के बीच अलग-अलग चरणों में सिर्फ 1,500 युवाओं को अप्रेंटिसशिप की पेशकश की गई। धीरे-धीरे, हर चरण में भर्तियों की संख्या कम होती गई। फरवरी में अधिकारियों और युवाओं के बीच एक आधिकारिक बैठक हुई। लेकिन कोई प्रगति न होने पर युवाओं ने 3 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों के साथ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया। बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य प्रशासनिक भवन के समक्ष विस्थापित अप्रेंटिस संघ के गुरुवार को 1500 अप्रेंटिस को नियोजन देने की मांग को लेकर शुरू हुई अनिश्चितकालीन धरना एक विस्थापित नौजवान की मौत के बाद उग्र आंदोलन में तब्दील हो गया।
वहीं, कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह ने बोकारो स्टील मेन गेट को जाम करते हुए धरना देना शुरू कर दिया। घटना के बाद डुमरी विधायक जयराम महतो मौके पर पहुंचे। पहले उन्होंने अस्पताल जाकर मृतक के परिजनों और घायलों से मुलाकात की। उसके बाद बोकारो स्टील प्लांट के मेन गेट के पास पहुंचे जहां श्वेता सिंह और उनके समर्थकों ने जय राम महतो की गाड़ी पर हमला कर दिया।
जयराम महतो की गाड़ी पर लगे बोर्ड को नोच डाला। कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह का कहना था कि हमारे विधानसभा में दूसरे विधायक का क्या काम? क्योंकि जब भी कभी दूसरे नेता और विधायक आते हैं आंदोलन को खत्म करने का काम करते हैं।
वहीं, जयराम महतो ने कहा कि एक विधायक को इस तरह की हरकत शोभा नहीं देती है। उन्होंने विधायक और उनके पति पर बोकारो स्टील में ठेका करने का आरोप लगाया। इस बीच स्टील प्लांट गेट के पास धरने पर बैठी कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। इस दौरान एसपी डीसी भी मौजूद रहे। श्वेता सिंह ने प्रशासन पर जबरन आंदोलन खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि अब एक बार फिर से किसी की मौत होगी तभी आंदोलन हो सकेगा।