वर्क फ्रॉम होम कल्चर के खत्म होने से शेयर मार्केट में आई गिरावट! 9 महीने में 53 लाख लोगों ने छोड़ा बाजार

By अंजली चौहान | Updated: April 19, 2023 14:16 IST2023-04-19T14:03:56+5:302023-04-19T14:16:00+5:30

शेयर बाजार के सूत्रों के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में निफ्टी की साइडवेज-टू-डाउनट्रेंड मूवमेंट कमजोर हाथों को धीरे-धीरे स्ट्रीट से बाहर कर रही है। कोविड से संबंधित लॉकडाउन के दौरान वर्क-फ्रॉम-होम कल्चर ने युवाओं के बीच व्यापार को फैशनेबल बना दिया था।

The stock market declined due to the end of work from home culture! 53 lakh people left the market in 9 months | वर्क फ्रॉम होम कल्चर के खत्म होने से शेयर मार्केट में आई गिरावट! 9 महीने में 53 लाख लोगों ने छोड़ा बाजार

फाइल फोटो

Highlightsवर्क फ्रॉम होम कल्चर के कारण शेयर मार्केट को हुआ अच्छा लाभ वर्क फ्रॉम होम कल्चर के धीरे- धीरे खत्म होने से शेयर मार्केट में गिरावट देखी जा रही है

शेयर मार्केट की दुनिया में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ये खबर बहुत अहम है। एनएसई के नए आंकड़ों के बाद शेयर बाजार के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके अनुसार पिछले 9 महीनों में एक्सचेंज की सक्रिय ग्राहक सूची में 53 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।

एनएसई के अनुसार सक्रिय ग्राहकों की संख्या मार्च में लगातार नौवें महीने घटकर 3.27 करोड़ हो गई, जून 2022 में 3.8 करोड़ निवेशकों से 53 लाख की गिरावट आई।

रिपोर्ट में इसके अलावा अन्य तीन चीजों की ओर भी ध्यान दिलाया गया है। आंकड़ों के अनुसार, जब कोरोना महामारी के कारण लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा की दी गई थी तब बाजार में काफी उछाल आया था।

लॉकडाउन के दौरान लोग बाजार को लेकर अधिक उत्साहित थे जबकि धीरे-धीरे इसमें कमी आती जा रही है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में 1.65 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020-21 में 68,400 करोड़ रुपये के मजबूत प्रवाह की तुलना में वित्त वर्ष 23 में खुदरा प्रवाह पिछले तीन वर्षों में सबसे कम 49,200 करोड़ रुपये था।

दूसरे, बीएसई और एनएसई पर खुदरा निवेशकों का औसत दैनिक कारोबार मार्च 2023 में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत गिरकर 23,700 करोड़ रुपये हो गया।

इसके अलावा नए डीमैट खाते जोड़ने की गति में भी धीमापन देखा गया है। नए खातों के जोड़ने की संख्या में महीने-दर- महीने 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करते हुए 19 लाख दर्ज की गई है। 

शेयर बाजार के सूत्रों के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में निफ्टी की साइडवेज-टू-डाउनट्रेंड मूवमेंट कमजोर हाथों को धीरे-धीरे स्ट्रीट से बाहर कर रही है। कोविड से संबंधित लॉकडाउन के दौरान वर्क-फ्रॉम-होम कल्चर ने युवाओं के बीच व्यापार को फैशनेबल बना दिया था। युवा जो बिना किसी रोक-टोक के लॉकडाउन के समय बाजार में अपना निवेश कर रहे थे। 

हालांकि, इस दौरान कई ऐसे लोग भी बाजार में आए जिन्हें शेयर मार्केट के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। ऐसे लोगों ने रातों-रात अधिक लाभ कमाने का सपना देखा और बाद में महसूस किया कि शेयर बाजार में निवेश करना सरल है लेकिन ये करना आसान नहीं है।

ऐसे लोगों ने शेयर खरीदे और बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए वह मार्केट से बाहर निकल गए। राइट रिसर्च के संस्थापक सोनम श्रीवास्तव बताते हैं कि फिक्स्ड-इनकम इन्वेस्टमेंट के बढ़ते आकर्षण, स्थिर रिटर्न और कम जोखिम की पेशकश ने भी बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट की ओर ध्यान केंद्रित किया है।

इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी और रियल एस्टेट जैसे वैकल्पिक संपत्ति वर्गों के उदय ने उच्च रिटर्न क्षमता और विविधीकरण लाभों के साथ निवेश के नए अवसर प्रदान किए हैं।

वहीं, दलाल स्ट्रीट पर खुदरा निवेशकों की सीधी भागीदारी कम हो गई है, म्यूचुअल फंड में पैसा खुलकर आ रहा है। लगभग 14,300 करोड़ रुपये के एसआईपी प्रवाह के रिकॉर्ड-उच्च स्तर के पीछे, इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुद्ध प्रवाह मार्च में एक साल के स्तर 20,190 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष डॉ विजय मेहता खुदरा ब्याज में गिरावट को एक चक्रीय प्रवृत्ति के हिस्से के रूप में देखते हैं जो चिंता का कारण नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "भारतीय निवेशकों के पास बाजार के स्तर और समग्र वैश्विक और घरेलू आर्थिक दृष्टिकोण के आधार पर परिसंपत्ति वर्गों में निवेश का चक्रीय पैटर्न है।"

Web Title: The stock market declined due to the end of work from home culture! 53 lakh people left the market in 9 months

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे