ओआईसीएल, एनआईसीएल और यूआईआईसीएल की स्थिति खराब, केंद्र सरकार 2500 करोड़ का निवेश करेगी, मार्च में विलय

By भाषा | Published: February 12, 2020 06:18 PM2020-02-12T18:18:31+5:302020-02-12T18:18:31+5:30

ये तीन साधारण बीमा कंपनियां ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. (ओआईसीएल), नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि. (एनआईसीएल) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. (यूआईआईसीएल) हैं।

The situation of OICL, NICL and UIICL worsens, the central government will invest 2500 crores | ओआईसीएल, एनआईसीएल और यूआईआईसीएल की स्थिति खराब, केंद्र सरकार 2500 करोड़ का निवेश करेगी, मार्च में विलय

वित्त वर्ष 2018-19 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीनों कंपनियों के एकल बीमा कंपनी में विलय की घोषणा की थी।

Highlightsनियामकीय भुगतान क्षमता के उल्लंघन को देखते हुए तत्काल 2,500 करोड़ रुपये डालने को मंजूरी दी है।तीनों कंपनियों के मार्च 2020 के अंत तक विलय के प्रस्ताव से पहले पूंजी डालने का फैसला किया गया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

ये तीन साधारण बीमा कंपनियां ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. (ओआईसीएल), नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि. (एनआईसीएल) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. (यूआईआईसीएल) हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने इन तीनों साधारण बीमा कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति और नियामकीय भुगतान क्षमता के उल्लंघन को देखते हुए तत्काल 2,500 करोड़ रुपये डालने को मंजूरी दी है।

मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि तीनों साधारण बीमा कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति और नियामकीय कर्ज भुगतान क्षमता जरूरत को देखते हुए तत्काल 2,500 करोड़ रुपये डालने को मंजूरी दी गयी है।

इन तीनों कंपनियों के मार्च 2020 के अंत तक विलय के प्रस्ताव से पहले पूंजी डालने का फैसला किया गया है। इससे पहले, जनवरी में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के विलय का काम काफी आगे बढ़ चुका है और यह कभी भी हो सकता है।

मामला अभी मंत्रिमंडल में लंबित है। वित्त वर्ष 2018-19 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीनों कंपनियों के एकल बीमा कंपनी में विलय की घोषणा की थी। हालांकि, इन तीनों कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति समेत विभिन्न कारणों से विलय प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। 

Web Title: The situation of OICL, NICL and UIICL worsens, the central government will invest 2500 crores

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