नयी दिल्ली, 20 जुलाई संसद की एक समिति ने कहा है कि कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) के आंतरिक ऑडिट में पेंशन कोष खाते में नियमित तौर पर होने वाले घाटे को नहीं देखा जा सका। समिति ने कहा कि आतंरिक ऑडिट की रिपोर्ट नियमित तौर पर रखे जाने की व्यवस्था निश्चित रूप से होनी चाहिए।
सीएमपीएफओ कोयला खान कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा कोष का प्रबंधन करने वाला निकाय है।
लोक लेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘समिति सीएमपीएफओ के आंतरिक लेखापरीक्षा व्यवस्था में ढुलमुल रुख की कड़ी निंदा करती है और सिफारिश करती है कि आंतरिक ऑडिट के तहत नियमित रूप से रिपोर्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से स्थापित की जानी चाहिए।’’
समिति ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी सिफारिशों को विधिवत रूप से अपनाया और पालन किया जाए ताकि भविष्य में वित्तीय गड़बड़ी के मामलों से बचा जा सके।’’
समिति ने कहा, ‘‘उसे यह जानकर निराशा होती है कि आंतरिक लेखा परीक्षा भी सीएमपीएफओ में धन के कुप्रबंधन को पकड़ नहीं पाया।’’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आंतरिक ऑडिट प्रणाली एक संगठन के भीतर प्रथम दृष्ट्या अनिवार्य इकाई है जिसे सीएमपीएफओ के व्यावसायिक संचालन और प्रक्रियाओं के संबंध में निष्पक्ष प्रतिक्रिया प्रदान करने के साथ-साथ स्वतंत्र समीक्षा करने का काम सौंपा गया है।’’
समिति के अनुसार, ‘‘उसका यह दृढ़ विचार है कि निधियों का अवांछित रूप से निर्धारित लक्ष्य से इतर दूसरे जगह उपयोग और 1.71 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि का पता नहीं चलना आंतरिक वित्तीय सलाहकार प्रणाली का कमजोर आंतरिक नियंत्रण, जांच और विफलता का प्रमाण है।
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