सरकार ने 2021-22 के खरीफ मौसम में 10.43 करोड़ टन चावल उत्पादन का रिकॉर्ड लक्ष्य रखा

By भाषा | Updated: April 30, 2021 17:29 IST2021-04-30T17:29:20+5:302021-04-30T17:29:20+5:30

The government set a record target of 10.43 million tonnes of rice production in the 2021-22 kharif season | सरकार ने 2021-22 के खरीफ मौसम में 10.43 करोड़ टन चावल उत्पादन का रिकॉर्ड लक्ष्य रखा

सरकार ने 2021-22 के खरीफ मौसम में 10.43 करोड़ टन चावल उत्पादन का रिकॉर्ड लक्ष्य रखा

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल सरकार ने शुक्रवार को फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में 10.43 करोड़ टन चावल उत्पादन का लक्ष्य रखा है जो एक नया कीर्तिमान होगा। कृषि मंत्रालय के साथ राज्यों की शुक्रवार को एक बैठक में यह लक्ष्य रखा गया

खरीफ मौसम की मुख्य फसल धान है। इसकी बुवाई जून में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है।

कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार पिछले फसल वर्ष के खरीफ सत्र में 10.26 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले चावल का उत्पादन 10 करोड़ 37.5 लाख टन रहा।

आगामी खरीफ सत्र के लिए तैयारियों के बारे में राज्यों के साथ चर्चा करते हुए, कृषि आयुक्त एस के मल्होत्रा ​​ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य रहने की संभावना है।

खरीफ सत्र 2021-22 के लिए चावल उत्पादन का लक्ष्य रिकॉर्ड 10.43 करोड़ टन रखा गया है।

उन्होंने चावल के निर्यात में रसायप अवशेषों की उपस्थिति से बचने के लिए राज्यों को चावल में ट्राइसाइक्लाज़ोल और बुप्रोफेज़िन के सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करने के अलावा, चावल के संकर तथा सूखा, लवणता और बाढ़-सहिष्णु बीज किस्मों को बढ़ावा देने के लिए कहा।

वर्ष 2021-22 के खरीफ सत्र में मोटे अनाजों का उत्पादन लक्ष्य तीन करोड़ 73.1 लाख टन, तिलहन का 2.62 करोड़ टन और दलहनों का 98.2 लाख टन रखा गया है।

इस वर्ष के खरीफ सत्र के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 15 करोड़ 14.3 लाख टन रखा गया है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के इसी खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 14 करोड़ 79.5 लाख टन का हुआ था, जो उस सत्र के लिए निर्धारित 14 करोड़ 93.5 लाख टन के लक्ष्य से थोड़ा कम था।

मंत्रालय के अनुसार, चालू वर्ष के लिए कपास का उत्पादन लक्ष्य 3.7 करोड़ कपास की गांठ (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम), गन्ना 38.7 करोड़ टन, जबकि जूट/मेस्ता उत्पादन का लक्ष्य1.06 करोड़ गांठ (प्रत्येक गांठ 180 किलोग्राम) निर्धारित किया गया है।

कृषि लागतों के बारे में, मल्होत्रा ​​ने कहा कि इस वर्ष के खरीफ सत्र में यूरिया की आवश्यकता 177.53 लाख टन, डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) 65.18 लाख टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) 20.24 लाख टन और एनपीके उर्वरकों की आवश्यकता 61.87 लाख टन रहने की संभावना है।

मंत्रालय का आकलन है कि मक्का और सोयाबीन को छोड़कर अधिकांश खरीफ फसलों के लिए बीज जरुरत से अधिक उपलब्ध है।

मल्होत्रा ​​ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि आगामी खरीफ सत्र में मक्का बीज की कमी 73,445 टन आंकी गई है, जबकि सोयाबीन के बीज की 87,656 टन कमी होने का अनुमान है। जिसके बारे में सरकार ने कहा कि इस कमी को राष्ट्रीय बीज निगम, निजी बीज कंपनियों और खेतों से बचाये गये बीज से पूरा किया जायेगा।

हालांकि, पूरे 2021-22 फसल वर्ष के लिए समग्र खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 30 करारेड़ 73.1 लाख टन रखा गया है।

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Web Title: The government set a record target of 10.43 million tonnes of rice production in the 2021-22 kharif season

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