नयी दिल्ली, आठ नवंबर केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि 2020-21 की अवधि में देश में व्यस्त समय में बिजली की कमी लगभग समाप्त हो गई है। यानी व्यस्त समय में मांग के अनुरूप ही बिजली की आपूर्ति की गई।
आंकड़े प्रदान करते हुए मंत्रालय ने कहा कि यह अंतर 2020-21 में 0.4 प्रतिशत रहा, जो 2007-08 में 16.6 प्रतिशत और 2011-12 में 10.6 प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष (2021-22) में अक्टूबर तक, बिजली की व्यस्त समय की मांग (-) 1.2 प्रतिशत रही है और बिजली उत्पादन पर मानसून के बाद के वार्षिक दबाव के कारण यह मामूली वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि साल के अंत तक इसके सामान्य होने की संभावना है।
बयान के अनुसार, भारत में 2007-08 में 16.6 प्रतिशत की भारी बिजली की कमी थी और 2011-12 में यह 10.6 प्रतिशत थी।
बयान में कहा गया कि सरकार के बहु-आयामी, व्यापक और आक्रामक हस्तक्षेपों के माध्यम से, पिछले तीन वर्षों में यह अंतर लगभग समाप्त होने के करीब है। 2020-21 में यह 0.4 प्रतिशत, 2019-20 में 0.7 प्रतिशत और 2018-19 0.8 प्रतिशत रहा।
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