अदालत ने अमेजन के मामले में फ्यूचर रिटेल की याचिका पर फैसला सुरक्षित किया

By भाषा | Published: November 20, 2020 08:53 PM2020-11-20T20:53:17+5:302020-11-20T20:53:17+5:30

The court reserved judgment on the petition of Future Retail in the case of Amazon | अदालत ने अमेजन के मामले में फ्यूचर रिटेल की याचिका पर फैसला सुरक्षित किया

अदालत ने अमेजन के मामले में फ्यूचर रिटेल की याचिका पर फैसला सुरक्षित किया

नयी दिल्ली, 20 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की खुदरा दुकानों और कुछ और कारोबार को 24,713 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए रिलायंस-फ्यूचर सौदे में अमेजन की दखल रोकने की याचिका पर फैसला शुक्रवार सुरक्षित कर लिया।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने सभी पक्षों के साथ पांच दिन तक सुनवाई की और उन्हें 23 नवंबर तक अपनी लिखित टिप्पणियां सौंपने का वक्त दिया है।

अदालत ने 10 नवंबर को फ्यूचर रिटेल की याचिका पर अमेजन का जवाब मांगा था। फ्यूचर रिटेल ने इस सौदे के खिलाफ सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता मंच (एसआईएसी) के अंतरिम स्थगन आदेश के आधार अमेजन पर रिलायंस के साथ अपने सौदे में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया है और इस पर रोक की मांग की है।

सिंगापुर के मध्यस्थता फोरम ने अमेजन की अर्जी पर स्थगन आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह ने अपने खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार को बेचने के लिए रिलायंस समूह के साथ सौदा किया है। लेकिन इस सौदे को लेकर अमेरिकी ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने कानूनी विवाद खड़ा कर दिया है।

अमेजन का दावा है कि उसने समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है जिसकी फ्यूचर रिटेल में 9.82 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उसका दावा है कि इस तरह के अप्रत्यक्ष निवेश के नाते उसके पास फ्यूचर रिटेल से जुड़े मामले में बोलने का हक है।

कंपनी इस मामले में एसआईएसी से 25 अक्टूबर को अंतरिम आदेश प्राप्त करने में सफल रही।

एसआईएसी ने अपने अंतरिम आदेश में फ्यूचर रिटेल पर मामले के निपटान तक किसी तरह की परिसंपत्ति या प्रतिभूति के हस्तांतरण या उसके परिसमापन पर रोक लगा दी थी।

मामले में अमेजन ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को भी पत्र लिखकर एसआईएसी के अंतरिम आदेश का संज्ञान लेने के लिए कहा था। कंपनी का कहना है कि यह एक बाध्यकारी निर्णय है।

इसी क्रम में फ्यूचर रिटेल ने भी सेबी, सीसीआई और अन्य निकायों को पत्र लिखकर सौदे पर अमेजन के हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग की थी।

अमेजन ने इस अंतरिम राहत का विरोध करते हुए कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।

दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान अमेजन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रहमण्यम ने कहा कि एसआईएसी का आकस्मिक अंतरिम आदेश इसे चुनौती देने वाले पक्षों के लिए बाध्यकारी है। जब तक संबंधित पक्ष अदालत से बाहर सुलह नहीं कर लेते एसआईएसी का आदेश एक अदालती आदेश की तरह बाध्यकारी है।

उन्होंने कहा कि रिलायंस को छोड़कर अन्य सभी पक्ष इस मध्यस्थता मंच के फैसले में पक्षकार हैं।

वहीं फ्यूचर रिटेल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि इस मामले में फैसला लेने का अधिकार क्षेत्र किसी मध्यस्थ अदालत का है पर कोई आकस्मिक मध्यस्थ अदालत उसमें दखल नहीं दे सकती।

उन्होंने यह भी दलील दी कि अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स के साथ सौदा किया। उसके पास फ्यूचर रिटेल के मामलों में किसी तरह का नियंत्रण या मतदान करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में उसका दावा गलत है और इसे रोकने की जरूरत है।

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Web Title: The court reserved judgment on the petition of Future Retail in the case of Amazon

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