हैदराबाद, 18 मार्च तेलंगाना सरकार ने बृहस्पतिवार को 2021-22 के लिये 2,30,825.96 करोड़ रुपये के खर्च का बजट पेश किया जिसमें पंचायती राज संस्थानों, ग्रामीण विकास, कृषि, सिंचाई, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अन्य क्षेत्रों के लिये प्रमुख तौर पर आवंटन किया गया है। बजट में कोई नया कर लगाने का प्रस्ताव नहीं किया गया है।
बजट में पंचायती राज और ग्रामीण विकास के लिये 29,271 करोड़ रुपये और कृषि क्षेत्र के लिये 25,000 करोड़ रुपये तथा सिंचाई क्षेत्र के लिये 16,391 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
बजट में 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन से ‘‘मुख्यमंत्री दलित सशक्तिकरण कार्यक्रम’’ की ऐ नई योजना का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा फसल रिण माफी योजना के लिये 5,225 करोड़ रुपये रखे गये हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय एक लाख रुपये तक के फसल रिण माफी का वादा किया था।
बजट में सामाजिक सुरक्षा योजना ‘आसरा’ के तहत पेंशन उपलब्ध कराने के लिये 11,728 करोड़ रुपये रखे गये हैं।
नई योजना का लाभ अनूसूचित जाति के लोगों मिलेगा।
राज्य के वित्त मंत्री टी हरीश राव द्वारा पेश 2,32,825.96 करोड़ रुपये के बजट में राजस्व व्यय 1,69,383.44 रुपये और पूंजी व्यय 29,046.77 करोड़ रुपये है। बजट में राजकोषीय घाटा 45,509.60 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
राज्य की अर्थव्यवस्था पर कोविड- 19 के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020- 21 में वर्तमान बाजार मूल्यों पर जहां देश की सकल घरेलू उत्पाद में 3.8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है वहीं तेलंगाना का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) इस दौरान 1.3 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। वर्ष 2019- 20 में जहां तेलंगाना की जीएसडीपी 13.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी वहीं कोरोना के प्रभाव से 2020- 21 में इसके कम होकर 1.3 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने जहां जनता के सवासथ्य की रक्षा के लिये उपयुक्त कदम उठाये वहीं कोविड- 19 के प्रभाव को कम से कम करने के लिये भी एहतियाती कदम उठाये गये।
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