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सुशील मोदी ने कोविड टीकों, चिकित्सा उपकरणों पर 0.1 प्रतिशत जीएसटी लगाने का सुझाव दिया

By भाषा | Updated: June 8, 2021 18:50 IST

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नयी दिल्ली, आठ जून भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को कोविड टीका, ऑक्सीजन वेंटीलेटर और कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में जरूरी अन्य चिकित्सा उपकरणों पर 0.1 प्रतिशत की दर से केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) लगाने का सुझाव दिया।

बिहार के वित्त मंत्री रहते मोदी जीएसटी परिषद के काम से काफी नजदीकी से जुड़े रहे थे। वह बिहार के उप-मुख्यमंत्री भी रहे हैं।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद जल्दी ही उक्त वस्तुओं पर कर की दर तय कर सकती है।

मोदी ने कहा कि महामारी के बीच इस मामले में सबसे व्यवहारिक विकल्प यही है कि इन सामानों पर बहुत कम दर से कर लगाया जाये और उन्हें जरूरतमंदों के लिये सस्ता बनाया जाये।

फिलहाल देश में बनने वाले टीकों पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है जबकि कोविड-19 संक्रमण के इलाज में उपयोगी दवाओं और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के मामले में यह 12 प्रतिशत है।

मोदी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोविड टीकों, वेंटिलेटर या अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों को जीएसटी से छूट देना एक व्यवहारिक विकल्प नहीं हो सकता है क्योंकि इससे अंततः अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए कीमत बढ़ जायेगी। ऐसा करने से निर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।’’

उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत इन चिकित्सा उपकरणों और टीकों को ‘शून्य-दर’ के दायरे में लाने (आपूर्ति की पूरी मूल्य श्रृंखला को कर से छूट) के लिए सभी राज्यों की विधानसभाओं और संसद से जीएसटी अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता होगी जिसमें काफी समय लगेगा।

मोदी ने कहा, ‘‘ऐसे में मेरा सुझाव है कि कोविड टीकों, संक्रमण के इलाज में उपयोगी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, अन्य जरूरी दवाएं और चिकित्सा उपकरणों पर 0.1 प्रतिशत सीजीएसटी और एसजीएसटी लगाया जाना चाहिये। इससे विनिर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं जबकि कीमतें अपेक्षाकृत कम होंगी।’’

उन्होंने हालांकि, यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है और इस बारे में कोई भी अंतिम निर्णय परिषद को ही करना है।

मोदी ने कह कि अंतिम उद्देश्य राजस्व जुटाना नहीं है, बल्कि उपभोक्ताओं की मदद करना है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को निर्यात वस्तुओं के रूप में (डीम्ड एक्सपोर्ट सामान) माना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद सहयोगपूर्ण संघवाद का एक सफल उदाहरण है। अब तक एक मौके को छोड़कर परिषद ने सभी निर्णय आम सहमति से लिये हैं।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद 28 मई को कोविड टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दरों में बदलाव के बारे में निर्णय नहीं कर सकी। क्योंकि भाजपा और विपक्षी दल शासित राज्यों में इस बात को लेकर मतभेद था कि क्या कर कटौती का लाभ आम आदमी तक पहुंचेगा।

उसके बाद परिषद ने मंत्री समूह (जीओएम) गठित करने का निर्णय किया जो कोविड इलाज में उपयोगी सामानों पर जीएसटी से राहत के बारे में विचार करेगा।

मंत्री समूह ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम को सौंप दी है। राज्यों के मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा होगी। परिषद की बैठक जल्द होने की उम्मीद है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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