सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार, कहा- 'झूठे इलाज का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापन बंद करें वरना...'

By रुस्तम राणा | Published: November 21, 2023 07:36 PM2023-11-21T19:36:40+5:302023-11-21T19:36:40+5:30

सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जब जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा ने बाबा रामदेव द्वारा सह-स्थापित कंपनी को कड़ी चेतावनी जारी की।

Supreme Court warns Patanjali to ‘stop misleading advertisements claiming false cure or else…’ | सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार, कहा- 'झूठे इलाज का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापन बंद करें वरना...'

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार, कहा- 'झूठे इलाज का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापन बंद करें वरना...'

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने कहा, पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगाशीर्ष अदालत ने कहा, कहा कि वे गलत इलाज का दावा करने वाले प्रत्येक उत्पाद पर "₹1 करोड़ का जुर्माना" लगाएंगेसर्वोच्च अदालत ने कहा, न्यायालय ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा

नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद उत्पादों को फटकार लगाई और उन्हें "भ्रामक विज्ञापन बंद करने" के लिए सख्ती से कहा। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि वे गलत इलाज का दावा करने वाले प्रत्येक उत्पाद पर "₹1 करोड़ का जुर्माना" लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जब जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा ने बाबा रामदेव द्वारा सह-स्थापित कंपनी को कड़ी चेतावनी जारी की।

लाइवलॉ ने जस्टिस अमानुल्लाह के हवाले से कहा, “पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। न्यायालय ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा, और न्यायालय रुपये की सीमा तक जुर्माना लगाने पर भी विचार करेगा।"  शीर्ष अदालत ने कहा,  ''प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जिसके बारे में गलत दावा किया जाता है कि यह एक विशेष बीमारी को ''ठीक'' कर सकता है।''

लाइव लॉ के अनुसार, पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस मुद्दे को "एलोपैथी बनाम आयुर्वेद" की बहस नहीं बनाना चाहती, बल्कि भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों की समस्या का वास्तविक समाधान खोजना चाहती है। यह कहते हुए कि वह इस मुद्दे की गंभीरता से जांच कर रही है, पीठ ने भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि केंद्र सरकार को समस्या से निपटने के लिए एक व्यवहार्य समाधान ढूंढना होगा। सरकार से विचार-विमर्श के बाद उपयुक्त सिफारिशें पेश करने को कहा गया। इस मामले पर अगली सुनवाई 5 फरवरी 2024 को होगी।

आईएमए ने अपनी याचिका में पतंजलि पर कोविड-19 टीकों के बारे में झूठी अफवाहें फैलाने और टीके को लेकर झिझक पैदा करने का भी आरोप लगाया था। याचिका में स्वामी रामदेव द्वारा दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की तलाश कर रहे नागरिकों का कथित उपहास और उपहास का भी हवाला दिया गया है।/-+

Web Title: Supreme Court warns Patanjali to ‘stop misleading advertisements claiming false cure or else…’

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