RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा- आलोचना को दबाना मोदी सरकार के लिए ठीक नहीं

By भाषा | Published: October 24, 2019 05:58 AM2019-10-24T05:58:07+5:302019-10-24T05:58:07+5:30

रघुराम राजन ने कहा, ‘‘जो समस्याएं हैं...उनमें एक ये है, मैंने इस पर बहुत दृढ़ता से कहा है कि आलोचना को दबाने का मतलब है कि आप प्रतिक्रिया नहीं सुनते हैं। और, अगर आप प्रतिक्रिया नहीं सुनते हैं तो आप उचित समय पर सही कदम नहीं उठा सकते।’’

Suppressing criticism bad for government says Raghuram Rajan | RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा- आलोचना को दबाना मोदी सरकार के लिए ठीक नहीं

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Highlightsभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि भारत में सरकार को विशेषज्ञों की सलाह का फायदा मिलेगा और इसलिए हर आलोचना को दबाना सरकार के लिए ठीक नहीं है। किंग कॉलेज लंदन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजन धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे के कदमों के बारे में चर्चा कर रहे थे।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि भारत में सरकार को विशेषज्ञों की सलाह का फायदा मिलेगा और इसलिए हर आलोचना को दबाना सरकार के लिए ठीक नहीं है। किंग कॉलेज लंदन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजन धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे के कदमों के बारे में चर्चा कर रहे थे।

राजन ने कहा, ‘‘जो समस्याएं हैं...उनमें एक ये है, मैंने इस पर बहुत दृढ़ता से कहा है कि आलोचना को दबाने का मतलब है कि आप प्रतिक्रिया नहीं सुनते हैं। और, अगर आप प्रतिक्रिया नहीं सुनते हैं तो आप उचित समय पर सही कदम नहीं उठा सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, सभी आलोचकों से कहना कि सरकार की आलोचना ना करें, मुझे लगता है कि यह सरकार के लिए बुरा है। हो सकता है कि हर कोई आपकी प्रशंसा करे और यह कहे कि आप दूसरे मसीहा हैं, लेकिन इससे उस तरह की चेतना नहीं पैदा होने वाली जैसा कि आप सरकार के भीतर चाहते हैं।

राजन ने आरबीआई के अपने कार्यकाल के दौरान पैदा स्थिति का उदाहरण दिया जब उन्हें निजी क्षेत्र की आलोचना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से सुधारवादी कदम उठाने में उन्हें सहायता मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सरकार सुनेगी और देखेगी कि उसे क्या करना चाहिए। भारत में बहुत सारे अर्थशास्त्री और बुद्धिमान लोग हैं, जो सलाह दे सकते हैं। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार उस सलाह को अपनाए और उस पर विचार-विमर्श तथा कार्रवाई करे। 

Web Title: Suppressing criticism bad for government says Raghuram Rajan

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