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चीनी निर्यात की स्थिति बेहतर, अब तक 50 लाख टन से अधिक के अनुबंध किये गये

By भाषा | Updated: May 10, 2021 18:54 IST

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नयी दिल्ली, 10 मई खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने सोमवार को कहा कि देश से चीनी निर्यात की स्थिति इस साल बेहतर स्थिति में है क्योंकि व्यापारियों ने अब तक 50 लाख टन से अधिक चीनी निर्यात के अनुबंध कर लिये गये हैं।

सरकार ने चालू 2020-21 के चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 60 लाख टन अधिशेष चीनी का निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि, इस निर्यात नीति को जनवरी में ही मंजूरी मिली थी।

दुनिया में ब्राजील के बाद भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। देश से 2019-20 के सत्र के दौरान, 59 लाख टन चीनी का निर्यात किया।

पांडे ने एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘निर्यात के लिए 50 लाख टन से अधिक चीनी पहले ही अनुबंधित हो चुकी है और निर्यात एक बेहतर स्थिति में है।’’

चीनी उद्योग को समर्थन देने के लिए अनिवार्य चीनी निर्यात नीति की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि नकदी संकट का सामना कर रही चीनी मिलों को गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए निर्यात से कमाई करने की अनुमति दी गई थी।

निर्यात के अलावा, चीनी मिलों को एथनॉल उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।

अधिक जानकारी देते हुए, खाद्य संयुक्त सचिव सुबोध गुप्ता ने कहा, ‘‘नकदी चीनी उद्योग के लिए एक बड़ी समस्या है। हम इन मुद्दों को दो तरीकों से हल कर रहे हैं - एक -अधिशेष चीनी का निर्यात किया जा रहा है और दूसरा एथनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।’’

एथनॉल को पेट्रोल में मिलाने के काम में लाया जा रहा है। इसके बारे में, अधिकारी ने कहा कि देश ने पेट्रोल में 7.4 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के स्तर को छू लिया है, जबकि 11 चीनी उत्पादक राज्यों और आसपास के राज्यों में यह 9.5-10 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘अन्य पांच राज्य 8-10 प्रतिशत की सीमा में हैं। अब, उन राज्यों में वृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है जहां एथनॉल मिश्रण का स्तर कम है।’’

उन्होंने कहा ‘‘अगले साल पूरे देश में 10 प्रतिशत मिश्रण का स्तर हो जाना चाहिये।’’

अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) के अनुसार अब तक 56 लाख टन चीनी का निर्यात के अनुबंध हो चुके हैं। वहीं कुल मिलाकर 43.76 लाख टन चीनी को अब तक लदान के लिये भेजा जा चुका है।

देश से जो चीनी भेजी गई है उसमें अधिकांश का निर्यात, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को किया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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