कोविड संक्रमण फैलने से ईंधन मांग में आ रहे सुधार पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

By भाषा | Updated: April 19, 2021 18:22 IST2021-04-19T18:22:09+5:302021-04-19T18:22:09+5:30

Spread of Kovid infection may adversely affect the improvement in fuel demand | कोविड संक्रमण फैलने से ईंधन मांग में आ रहे सुधार पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

कोविड संक्रमण फैलने से ईंधन मांग में आ रहे सुधार पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और इसकी रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर लगायी जा रही पाबंदियों से ईंधन मांग में जो वृद्धि होने लगी थी वह एक बार फिर धीमी पड़ने का जोखिम दिखने लगा है। रोकथाम के लिये देश भर में स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ जैसे कड़े उपायों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। अधिकारियों ने सोमवार को यह बात कही।

महाराष्ट्र के बाद दिल्ली और राजस्थान ने सीमित अवधि के लिये ‘लॉकडाउन’ लगाये हैं। इससे यात्रा और व्यापार गतिविधियां प्रभावित होंगी। अन्य राज्य अलग-अलग समय और विभिन्न अवधि के लिये कर्फ्यू लगा रहे हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र की एक तेल विपणन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस प्रकार की पाबंदियों से आवाजाही पर असर पड़ेगा। फलत: ईंधन खपत प्रभावित होगी।’’

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार भारत में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामले 1.50 करोड़ के पार पहुंच गए हैं। अमेरिका के बाद भारत कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित दूसरा देश बन गया है। अमेरिका में कोरोन संक्रमण के 3.1 करोड़ मामले हैं। देश में कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 1,619 लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर करीब 1.8 लाख पहुंच गयी है।

डीजल, पेट्रोल, विमान ईंधन और एलपीजी मांग में अप्रैल के पहले पखवाड़े में पिछले माह की इसी अवधि के मुकाबले कमी आयी है। अब ज्यादा राज्यों में पाबंदियों के साथ दूसरे पखवाड़े में मांग पर और असर पड़ने की आशंका है

अधिकारी के अनुसार देश में सर्वाधिक उपयोग होने वाला ईंधन डीजल की खपत पिछले माह के मुकाबले 3 प्रतिशत घटी है जबकि पेट्रोल की बिक्री 5 प्रतिशत कम हुई है।

पिछले साल कोविड संकट के दौरान भी एलपीजी की मांग बढ़ी थी। लेकिन इस बार मांग अप्रैल के पहले पखवाड़े में 6.4 प्रतिशत कम होकर 10.3 लाख टन रही। विमान ईंधन की मांग भी इस दौरान 8 प्रतिशत कम हुई है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इस महीने सीएनजी बिक्री में 20 से 25 प्रतिशत की गिरावट देख रहे हैं... नये वाहन बाजार सृजित करते हैं और ‘लॉकडाउन’ के कारण सभी नये वाहनों की बिक्री लगभग रूक जाएगी।’’

अधिकारियों के अनुसार इन सबका असर ईंधन खपत के रूप में दिखता है। इसमें 2020-21 के बाद के महीनों में सुधार हुआ था लेकिन अब फिर मांग कम होने लगी है।

देश में ईंधन की मांग वित्त वर्ष 2020-21 में 9.1 प्रतिशत घटी थी। दो दशक से भी अधिक समय में यह पहली बार हुआ, जब ईंधन की मांग कम हुई। इसका कारण महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक गतिविधियों का ठप होना था।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में ईंधन खपत में करीब 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। हालांकि यह अनुमान कोविड संक्रमण के फैलने से पहले लगाया गया था।

अधिकारी के अनुसार, ‘‘जिस तरीके से संक्रमण फैल रहा है, यह स्थिति एक महीने और बनी रही, तो हमें अनुमान को संशोधित करना होगा।’’

कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र ने एक मई तक ‘लॉकडाउन’ की घोषणा की है। इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं, निर्यातकों और परिवहन को छूट दी गयी है। दिल्ली ने भी छह दिन के लिये ‘लॉकडाउन’ की घोषणा की है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी आंशिक ‘लॉकडाउन’ की घोषणा की गयी है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 2020-21 में 19.463 करोड़ टन रही। जबकि एक साल पहले मांग 21.12 करोड़ टन थी।

यह 1998-99 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी साल में ईंधन की खपत कम हुई है।

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Web Title: Spread of Kovid infection may adversely affect the improvement in fuel demand

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