नयी दिल्ली, पांच मई वैश्विक साख निर्धारक संस्था एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 9.8 प्रतिशत कर दिया।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के चलते आर्थिक सुधार की गाड़ी पटरी से उतर सकती है और बैंकों की ऋण वसूली प्रभावित होगी।
अमेरिका स्थित इस साख निर्धारक एजेंसी ने अप्रैल 2021- मार्च 2022 के वित्तवर्ष के लिए 11 प्रतिशत के जीडीपी वृद्धि दर की भविष्यवाणी की थी जिसका आधार, आर्थिक गतिविधियों को तत्काल फिर से खोला जाना और राजकोषीय प्रोत्साहन दिये जाने को बनाया गया था।
एसएंडपी ने इस समय भारत की रेटिंग स्थिर दृष्टिकोण के साथ ‘बीबीबी नकारात्मक’ तय की है। उसने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का स्तर देश की वित्तीय साख को प्रभावित करेगा।
भारत सरकार की राजकोषीय स्थित पहले से दबाव में है। वित्त वर्ष 2021 में सार्वजनिक सरकारी घाटा जीडीपी का लगभग 14 प्रतिशत है और शुद्ध ऋण जीडीपी के 90 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया-प्रशांत के मुख्य अर्थशास्त्री शॉन रोशे ने कहा, ‘‘भारत की दूसरी लहर ने हमें इस वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान को संशोधित करने के लिए मजबूर किया।
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