ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर पड़ने से सोयाबीन तेल, कच्चे पॉम तेल में गिरावट
By भाषा | Published: August 23, 2021 08:17 PM2021-08-23T20:17:31+5:302021-08-23T20:17:31+5:30
विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच आयात शुल्क घटाये जाने से कच्चे पॉम तेल और सोयाबीन तेल के भाव कुछ नरम बंद हुए। अन्य तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में तीन प्रतिशत की तेजी रही जबकि मलेशिया एक्सचेंज 1.3 प्रतिशत मजबूत रहा। देश में आयात शुल्क में कमी के बाद विदेशों में दाम बढ़ने से खाद्य तेल तिलहनों के भाव मजबूत हो गये लेकिन देश में ऊंचे भाव पर लिवाली कमजोर रहने से सोयाबीन तेल के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए वहीं शुल्क में कमी किये जाने से सीपीओ और पामोलीन तेलों के भाव कमजोर रहे। त्यौहारी मांग बढ़ने के बीच सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों के भाव 8,500 रुपये से बढ़ाकर 8,600 रुपये क्विन्टल पर पहुंच गये। जिससे सरसों दाना में सुधार देखने को मिला। ऊंचे भाव पर मांग कमजोर होने से सरसों तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुई। जानकारों का कहना है कि तमाम शुल्क और मुनाफा जोड़ने के बाद बाजार में सरसों कच्ची घानी का तेल खुदरा बाजार में अधिकतम 170-175 रुपये लीटर के भाव मिलना चाहिये जबकि कुछ बाजारों में इसे बढ़ा चढ़ा कर बोला जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि अगले महीने नया सोयाबीन और बिनौला मंडियों में आने की संभावना है जिससे स्थिति में बदलाव आयेगा। एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सोयाबीन के अक्टूबर माह में डिलीवरी वाले अनुबंध का भाव 6,450 रुपये है वहीं इसके नवंबर अनुबंध का भाव 6,250 रुपये क्विन्टल चल रहा है। ये भाव हाजिर बाजार भाव से 30-35 प्रतिशत कम है। सूत्रों ने कहा कि सहकारी संस्था हाफेड और नाफेड को अभी से अगली बिजाई के दौरान छोटे किसानों की मदद के लिए सरसों बीज का स्टॉक जमा कर लेना चाहिये ताकि ऐन मौके पर बीज की कमी न हो। तेल विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से मौजूदा सत्र में किसानों को सरसों के अच्छे दाम मिले हैं, उसे देखते हुए अगली बार सरसों की पैदावार लगभग दोगुनी हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि सरकार को तेल-तिलहनों के आयात शुल्क में घटबढ़ करने के बजाय तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिये। यही रास्ता देश को तेल तिलहन उत्पादन की दिशा में आत्मनिर्भरता की राह पर ले जायेगा। बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल) सरसों तिलहन - 8,075 - 8,150 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली - 6,620 - 6,765 रुपये। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,100 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,330 - 2,460 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 16,580 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,560 -2,610 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,645 - 2,755 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,100 - 17,600 रुपये। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,080 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,600 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 11,940 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,500 रुपये। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,700 रुपये।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।