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RBI आखिरी मौद्रिक नीति मार्केट को नहीं आई रास, सेंसेक्स 723 अंक टूटा, निफ्टी 21,717 पर

By रुस्तम राणा | Updated: February 8, 2024 16:22 IST

घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50, दोनों ही एक फीसदी से अधिक टूट गए। आज RBI ने इस वित्त वर्ष की आखिरी मौद्रिक नीति पेश की, जो मार्केट को पॉजिटिव सपोर्ट देने में नाकाम रही।

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ठळक मुद्देआरबीआई ने इस वित्त वर्ष की आखिरी मौद्रिक नीति पेश की, जो मार्केट को पॉजिटिव सपोर्ट देने में नाकाम रही रेपो रेट अपरिवर्तित रखने के बाद सेंसेक्स आज जहां 723 अंक टूटा तो निफ्टी 21,717 पर पहुंचाघरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50, दोनों ही एक फीसदी से अधिक टूट गए

Share Bazar: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट अपरिवर्तित रखने के बाद सेंसेक्स आज जहां 723 अंक टूटा तो निफ्टी 21,717 पर पहुंचा। दरअसल, आज शुरुआती कारोबार में तेजी के बाद आज मार्केट में गोता लगाना शुरू किया तो यह संभल नहीं पाया। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50, दोनों ही एक फीसदी से अधिक टूट गए। आज आरबीआई ने इस वित्त वर्ष की आखिरी मौद्रिक नीति पेश की, जो मार्केट को पॉजिटिव सपोर्ट देने में नाकाम रही।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा घोषित द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं: * नीतिगत दर या रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार। * वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के 7.3 प्रतिशत के अनुमान से कम है। * चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 5.4 प्रतिशत रहेगी। 2024-25 में यह घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। * ब्याज दरों में कटौती का लाभ अभी पूरी तरह उपभोक्ताओं को नहीं मिली है। * मौजूदा आर्थिक गति अगले वित्त वर्ष में भी बरकरार रहेगी। * रबी बुवाई में सुधार, विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर लाभप्रदता, 2024-25 में आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सेवाएं मजबूत। * निवेश चक्र गति पकड़ रहा है, निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में सुधार के संकेत। * भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, निरंतर वृद्धि पथ पर आत्मविश्वास से प्रगति कर रही है। * सरकार राजकोषीय के सुदृढ़ीकरण पथ पर कायम है; घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत। * खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव जारी है। * भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति शृंखला पर असर पड़ रहा है, जिससे जिंस की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। * विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब अमेरिकी डॉलर; विदेशी दायित्वों को पूरा करने के लिए संतोषजनक। * घरेलू वित्तीय प्रणाली स्वस्थ ‘बही-खाते’ के साथ मजबूत बनी हुई है। * विनियमित संस्थाओं को अनुपालन, उपभोक्ता हित संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। * आरबीआई खराब या सीमित इंटरनेट संपर्क वाले क्षेत्रों में लेनदेन के लिए ‘सीबीडीसी-रिटेल’ में एक ऑफलाइन कार्यक्षमता शुरू करेगा। * चालू वित्त वर्ष में भारतीय रुपये की विनिमय दर काफी स्थिर रही। * मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक तीन से पांच अप्रैल को होगी।

पीटीआई भाषा इनपुट के साथ 

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