सेबी ने आईपीओ से जुटाई गई राशि के इस्तेमाल के नियमों को कड़ा किया
By भाषा | Updated: December 28, 2021 19:02 IST2021-12-28T19:02:35+5:302021-12-28T19:02:35+5:30

सेबी ने आईपीओ से जुटाई गई राशि के इस्तेमाल के नियमों को कड़ा किया
नयी दिल्ली, 28 दिसंबर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से जुटाई गई राशि के इस्तेमाल के नियमों को सख्त करने का फैसला किया है। सेबी के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल भविष्य में किसी अधिग्रहण ‘लक्ष्य’ के लिए करने की सीमा तय की गई है। इसके अलावा सामान्य कंपनी कामकाज के लिए आरक्षित कोष की भी निगरानी की जाएगी।
निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में सेबी ने कहा कि आईपीओ के तहत शेयरधारकों द्वारा बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये शेयरों की बिक्री के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। इसके अलावा एंकर निवेशकों के लिए ‘लॉक-इन’ की अवधि को भी बढ़ाकर 90 दिन किया जाएगा।
इसके साथ ही नियामक ने गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के लिए आवंटन के तौर-तरीकों में भी संशोधन का फैसला किया है।
नियामक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जबकि नई पीढ़ी की कई प्रौद्योगिकी कंपनियां आईपीओ लाने के लिए दस्तावेज जमा कर रही हैं।
सेबी के चेयरपर्सन अजय त्यागी ने कहा कि नियामक का इरादा किसी भी तरीके से आईपीओ में मूल्य नियंत्रण का नहीं है।
उन्होंने बोर्ड की बैठक के बाद मीडिया के साथ बातचीत में कहा, ‘‘मूल्य खोज बाजार का काम है। वैश्विक स्तर पर यह इसी तरह से होता है।’’
सेबी के निदेशक मंडल ने कहा है कि आईपीओ के तहत जारी किए जाने वाले नए शेयरों से प्राप्त राशि का 35 प्रतिशत ही ऐसे अधिग्रहण और सामान्य कंपनी कामकाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा जिसमें अधिग्रहण या रणनीतिक निवेश के लक्ष्य की अभी ‘पहचान’ नहीं हुई है।
हालांकि, ऐसे अधिग्रहण जिसमें लक्ष्य की पहचान हो चुकी और आईपीओ दस्तावेज दाखिल करते समय उसके बारे में खुलासा किया गया है, के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी।
सेबी ने कहा कि ऐसे देखने में आया है कि कई नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी कंपनियां ऐसे उद्देश्यों के लिए कोष जुटाने का प्रस्ताव करती हैं, जो इस तरह के विस्तार की पहल से संबंधित होता है।
नियामक ने कहा कि इसके अलावा सामान्य कंपनी कामकाज के लिए जुटाई गई राशि को निगरानी के तहत लाया जाएगा और इसके इस्तेमाल का खुलासा निगरानी एजेंसी की रिपोर्ट में किया जाएगा।
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