सैट ने एनएसडीएल को कार्वी के ग्राहकों के बचे शेयर हस्तांतरित करने से रोका
By भाषा | Published: December 4, 2019 05:58 AM2019-12-04T05:58:47+5:302019-12-04T05:58:47+5:30
बैंकों ने कहा कि शेयरों का इस तरह एकतरफा हस्तांतरण किये जाने से शेयरों के बदले कर्ज दिये जाने का पूरा व्यवसाय प्रभावित होगा।
कर्जदाता बैंकों और वित्तीय कंपनियों को अंतरिम राहत पहुंचाते हुये प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने मंगलवार को नेशनल सिक्युरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) से कहा कि वह संकट में फंसी कार्वी ब्रोकिंग कंपनी के ग्राहकों के बचे शेयर अब उन्हें (ग्राहकों को) हस्तांतरित नहीं करे। एम टी जोशी और सीकेजी नायर की सैट की दो सदस्यीय पीठ ने यह अंतरिम आदेश जारी करते हुये कहा कि मामले में अंतिम आदेश बुधवार दोपहर तक जारी किया जायेगा।
सैट का यह आदेश मामले में प्रभावित कर्जदाताओं -एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बेंक, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस-- की याचिका पर आया है। इन बैंकों और संस्थानों ने एनएसडीएल के सोमवार के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने कार्वी ब्रोकिंग के 83,000 ग्राहकों के शेयर उन्हें लौटा दिये। इससे अब प्रतिबंधित चल रही कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के करीब 90 प्रतिशत डीमैट खाताधारकों के शेयर वापस उन्हें मिल गये। सैट को सुनवाई के दौरान बैंकों ने बताया कि कार्वी ब्रोकिंग ने ज्यादातर शेयर उनके पास कर्ज के एवज में गिरवी रखे गये थे।
इन शेयरों को सीधे उनके ग्राहकों को हस्तांतरित करने से उनके कर्ज पर असर पड़ेगा। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक ने सैट के समक्ष अपनी यह दलील रखी। कार्वी ब्रोकिंग ने अपने 95 हजार से अधिक ग्राहकों के शेयरों का दुरुपयोग करते हुये 600 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के एवज में ग्राहकों के शेयरों को गिरवी रख दिया। इससे पहले सेबी ने सोमवार को एनएसडीएल को कार्वी के 83 हजार से अधिक ग्राहकों के शेयरों को हस्तांतिरत करने को कहा था।
सेबी के 22 नवंबर के इस आदेश के खिलाफ बजाज फाइनेंस ने अपील की है। उसके बाद मंगलवार को अन्य बैंक भी इस मामले में बजाज फाइनेंस के साथ हो गये। बैंकों ने कहा कि शेयरों का इस तरह एकतरफा हस्तांतरण किये जाने से शेयरों के बदले कर्ज दिये जाने का पूरा व्यवसाय प्रभावित होगा। बजाज फाइनेंस ने गिरवी रखे शेयरों के एवज में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को 345 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।