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रूस-यूक्रेन तनाव से विश्व बाजार बेहाल, सेंसेक्स 383 अंक लुढ़का, रुपया में गिरावट, कच्चे तेल की कीमत 98.79 डॉलर प्रति बैरल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 22, 2022 17:28 IST

Russia Ukrain: शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी है और उन्होंने सोमवार को 2,261.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

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ठळक मुद्देपूर्वी यक्रेन में अलगाववादियों के क्षेत्र को मान्यता दे दी है।भू-राजनीतिक संकट गहराने का अंदेशा है।कच्चे तेल का यह दाम सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है।

Russia Ukrain: रूस ने मंगलवार को नए विधेयक के साथ यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों पर कब्जा जमाने की तैयारी कर ली, जिससे उसे वहां सैनिकों को तैनात करने की अनुमति मिल जाएगी। वहीं, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण की आशंका के बीच मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की तैयारी कर ली है।

इस बीच बाजर का हाल बुरा हो गया है। कच्चे तेल की कीमत भी लगभग सात वर्ष के उच्चतम स्तर को छू गई। इन घटनाक्रमों के कारण रुपये में गिरावट आई। वैश्विक मानक ब्रेंट कच्चे तेल का दाम 3.56 प्रतिशत की तेजी के साथ 98.79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चे तेल का यह दाम सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है।

सेंसेक्स 383 अंक लुढ़ककर 57,300 अंक के स्तर पर बंद हुआ

रूस-यूक्रेन गतिरोध के बीच अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में गिरावट के बाद एशिया के अन्य बाजारों में बिकवाली देखी गयी। शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 383 अंक लुढ़ककर 57,300 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

रूस-यूक्रेन संकट के बीच वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर पड़ा। शुरुआती कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स करीब 1,300 अंक लुढ़क गया था। बाद में इसमें तेजी से सुधार आया। इसके बावजूद यह 382.91 अंक यानी 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,300.68 अंक पर बंद हुआ।

कच्चे तेल और सोने के दाम में तेजी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 114.45 अंक यानी 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,092.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील, टीसीएस और एसबीआई में सबसे ज्यादा 3.64 प्रतिशत की गिरावट आयी। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 20 नुकसान में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘रूसी समर्थन वाले विद्रोहियों के दो क्षेत्रों को मान्यता देने से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ गया है। कच्चे तेल और सोने के दाम में तेजी से आर्थिक प्रभाव का पता चल रहा है।’’

रुपया 31 पैसे की गिरावट के साथ 74.86 प्रति डॉलर पर बंद

उन्होंने कहा कि भारत के लिये सबसे बड़ी चुनौती कच्चे तेल का दाम 97 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचना है। इसके कारण बढ़ने वाली मुद्रास्फीति के फलस्वरूप रिजर्व बैंक उदार रुख को छोड़ने को मजबूर हो सकता है।   भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच जोखिम वाली संपत्तियों के प्रति निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे की गिरावट के साथ 74.86 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर आ गया।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की सतत निकासी, घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती तथा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.71 प्रति डॉलर पर खुला लेकिन बाद में 74.99 रुपये के निम्न स्तर तक चला गया। अंत में रुपया 31 पैसे की गिरावट के साथ 74.86 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। 

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