देश में 5,000 कॉम्प्रेस्ड बॉयो गैस संयंत्र स्थापित करने में होगा 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश: प्रधान
By भाषा | Published: November 20, 2020 07:48 PM2020-11-20T19:48:08+5:302020-11-20T19:48:08+5:30
नयी दिल्ली, 20 नवंबर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि देश में जैव और फसल अवशेषों से गैस उत्पादन के लिये 5,000 संयंत्र स्थापित करने में 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।
सस्ता और स्वच्छ परिवहन ईंधन की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर 900 कॉम्प्रेस्ड बॉयो-गैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित करने के लिये अडाणी गैस तथा टोरेंट गैस जैसी कंपनियों ने समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
आधिकारिक बयान के अनुसार सतत वैकल्पिक किफायती परिवहन (एसएटीएटी) पहल के तहत सरकार 2023-24 तक 5,000 सीबजी संयंत्र स्थापित करने पर ध्यान दे रही है। इसके जरिये 1.5 करोड़ टन गैस उत्पादन का लक्ष्य है।
इस मौके पर प्रधान ने कहा, ‘‘हमने एसएटीएटी के लिये रूपरेखा तैयार किया है। 600 सीबीजी के लिये आशय पत्र पहले ही दिये जा चके हैं। आज 900 संयंत्रों के लिये एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किये गये। कुल 1,500 सीबीजी संयंत्र क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
उन्होंने कहा कि इन 900 संयंत्राों में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। ‘‘कुल 5,000 सीबीजी संयंत्र लगाने में करीब 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।’’
सीबीजी संयंत्रों से उत्पादित गैस का उपयोग वाहनों के ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जैव ईंधन से ईंधन आयात बिल में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।
प्रधान ने कहा कि एसएटीएटी के तहत गैस के उत्पादन के लिये ठोस कचरे के साथ वन और कृषि अवशेषों, गोबर जैसे पदार्थों का उपयोग किया जाता है।
नीति के तहत सीबीजी संयंत्रों से उत्पादित गैस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा खरीदे जाने की गारंटी दी जाती है।
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