धान की खेती की कम पानी वाली पद्धति को किसानों के बीच ले जाएगी रूट्स संस्था

By भाषा | Updated: June 22, 2021 21:30 IST2021-06-22T21:30:04+5:302021-06-22T21:30:04+5:30

Roots organization will take the low water method of paddy cultivation among the farmers | धान की खेती की कम पानी वाली पद्धति को किसानों के बीच ले जाएगी रूट्स संस्था

धान की खेती की कम पानी वाली पद्धति को किसानों के बीच ले जाएगी रूट्स संस्था

नयी दिल्ली, 22 जून देश में भूजल का स्तर गिरने की गंभीर होती स्थिति के बीच एक स्वैच्छिक संस्था ने धान की खेती के लिए ‘डायरेक्ट सीडेड राइस’ (डीएसआर) तौर तरीकों को अपनाने पर जोर दिया है। वह इस पद्धति के बारे में किसानों को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम संचालित कर रही है।

स्वैच्छिक संस्था, रूट्स फाउंडेशन ने धान की खेती में पानी की खपत को कम करने के लिए वर्ष 2022 तक और 20-25 लाख किसानों को डीएसआर तकनीक में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है। यह तकनीक धान में पानी के उपयोग को 35-40 प्रतिशत तथा सीएच-4 और कार्बन के उत्सर्जन को 20-30 प्रतिशत तक कम कर देती है।

इस कार्य में रूट्स फाउंडेशन की तकनीकी साझेदार, वज़ीर एडवाइज़र्स है। जिन्होंने अब तक पांच से अधिक राज्यों में लगभग 10 लाख धान किसानों को डीएसआर तकनीक में प्रशिक्षित किया है।

रूट्स फाउंडेशन के संस्थापक और वज़ीर एडवाइज़र्स के साझेदार, ऋत्विक बहुगुणा ने कहा, “भारतीय कृषि के लिए किसानों को नवीन और टिकाऊ प्रौद्योगिकी और तकनीकों में प्रशिक्षित करना महत्वपूर्ण है। चूंकि पानी हर गुज़रते दिन के साथ और भी दुर्लभ संसाधन बन गया है, इसलिए खेती के तौर-तरीकों में बदलाव की सख्त ज़रूरत है।”

उन्होंने बताया कि डीएसआर में, पहले से ही अंकुरित बीज सीधे ट्रैक्टर चालित मशीन द्वारा खेत में ड्रिल किए जाते हैं। इस तरीके में नर्सरी की कोई तैयारी या रोपाई शामिल नहीं होता है। किसानों को केवल अपनी समतल करनी है और बुवाई से पहले खेत की सिंचाई करनी है। यह तकनीक परंपरागत पद्धति की तुलना में अधिक वैज्ञानिक है।

संस्था का कहना है कि डीएसआर और बेहतर खरपतवार नियंत्रण से, हम चावल की पैदावार को 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं, जिससे जल संसाधनों की बचत होती है।”

केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार, पंजाब के 80 प्रतिशत और हरियाणा के 70 प्रतिशत हिस्से में पानी की कमी है। प्रति वर्ष औसत गिरावट 30-40 से.मी. की है और कुछ स्थानों पर एक मीटर तक जाती है।

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Web Title: Roots organization will take the low water method of paddy cultivation among the farmers

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