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निम्न ब्याज दर, पर्याप्त नकदी के कारण खुदरा निवेशकों की बाजार में बढ़ रही भागीदारी: सेबी प्रमुख

By भाषा | Updated: July 22, 2021 17:50 IST

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नयी दिल्ली, 22 जुलाई भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने बृहस्पतिवार को कहा कि घरेलू प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की रूचि तेजी से बढ़ी है और अप्रैल-जून के दौरान हर महीने 24.5 लाख डिमैट खाते खाले गये हैं, जो इससे पिछले महीने के मुकाबले काफी अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि देश के प्रतिभूति बाजार में निवेशकों की रूचि बढ़ने का प्रमुख कारण मौजूदा कम ब्याज दर और पर्याप्त नकदी उपलब्धता है।

त्यागी ने आगाह करते हुए कहा कि नकदी में कमी या ब्याज दर बढ़ने से बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है।

सेबी चेयरमैन ने कहा, ‘‘हालांकि इसको भी स्वीकार करने की जरूरत है कि... बाजार का रुख सकारात्मक नजर आ रहा है और जो निवेश किये जा रहे हैं, वह भविष्य की वृद्धि संभावनाओं को ध्यान में रखकर किये जा रहे हैं।’’

एनआईएसएम (राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान) के दूसरे वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन में त्यागी ने कहा कि घरेलू प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी 2020-21 से बढ़ी है।

कुल डिमैट खातों की संख्या 2020-21 के शुरू में 4.1 करोड़ थी, जो वित्त वर्ष के अंत में बढ़कर 5.5 करोड़ पहुंच गयी। यानी डिमैट खातों की संख्या में 34.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि 2020-21 में औसतन 12 लाख डिमैट खाते हर महीने खाले गये। जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह 4.2 लाख महीना था।

त्यागी के अनुसार, ‘‘चालू वित्त वर्ष के दौरान यह प्रवृत्ति और तेज हुई है और अप्रैल-जून 2021 के दौरान प्रति माह औसतन 24.5 लाख डीमैट खाते खोले गए।’’

इक्विटी बाजार नकद कारोबार 2019-20 के 96.6 लाख करोड़ रुपये से 70.2 प्रतिशत बढ़कर 2020-21 में 164.4 लाख करोड़ पहुंच गया। साथ ही, पिछले वित्त वर्ष में कारोबार में व्यक्तिगत तौर पर हिस्सेदारी करीब 5 प्रतिशत बढ़कर 51.4 प्रतिशत पहुंच गयी।

त्यागी के अनुसार कुल कारोबार में मोबाइल फोन और इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग एक अन्य संकेत है, जो खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बताता है।

महामारी से प्रभावित साल के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजी बाजार से 10.12 लाख करोड़ रुपये जुटाये गये, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 9.96 लाख करोड़ रुपये था।

उन्होंने यह भी कहा कि आरंभिक शेयर-बिक्री, रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) और इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट), ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) आधारित म्यूचुअल फंड योजनाएं और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में खुदरा निवेशकों का आकर्षण दिख रहा है।

त्यागी के अनुसार नियामक ने पूंजी बाजारों के विकास को सुविधाजनक बनाने और अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए व्यवस्था की मजबूती में सुधार लाने के लिये कई उपाय किए हैं।

सेबी प्रमुख ने कहा कि ऑनलाइन केवाईसी, सूचीबद्ध संस्थाओं के लिये कोष जुटाने को सुगम बनाने के लिए कई नीतिगत उपाय, और ‘मान्यता प्राप्त निवेशकों’ की धारणा को पेश करने का निर्णय पूंजी बाजार के विकास के लिए उठाए गए कदमों में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, नियामक ने निवेशकों के बीच जागरूकता पैदा करने की दिशा में कई उपाय किए हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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