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फरवरी में मामूली राहत के साथ 6.44 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर, जनवरी में थी 6.52 प्रतिशत

By रुस्तम राणा | Updated: March 13, 2023 19:00 IST

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली रूप से घटकर 6.44 प्रतिशत हो गई जो जनवरी में 6.52 थी।

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ठळक मुद्देसरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण महंगाई दर 6.72 फीसदी और शहरी महंगाई दर 6.10 फीसदी रहीसंयुक्त खाद्य मुद्रास्फीति भी 5.95 प्रतिशत पर 6 प्रतिशत की सीमा के करीब रहीRBI की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य को इस साल भारत में महंगाई कम होने की उम्मीद

नई दिल्ली: फरवरी में खुदरा महंगाई दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली रूप से घटकर 6.44 प्रतिशत हो गई जो जनवरी में 6.52 थी। हालांकि खुदरा महंगाई दर अभी भी आरबीआई के बर्दाश्त सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण महंगाई दर 6.72 फीसदी और शहरी महंगाई दर 6.10 फीसदी रही। संयुक्त खाद्य मुद्रास्फीति भी 5.95 प्रतिशत पर 6 प्रतिशत की सीमा के करीब थी। जनवरी में यह 6 फीसदी थी। रविवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत में महंगाई इस साल कम होने की उम्मीद है। 

उन्होंने कहा कि लचीली मुद्रास्फीति-लक्षित व्यवस्था के साथ समन्वित सरकार की आपूर्ति-पक्ष कार्रवाई ने अन्य देशों की तुलना में मूल्य वृद्धि की दर को कम रखा है। आरबीआई ने पिछले साल मई से अपनी बेंचमार्क रेपो दर में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ इसके 6.75 फीसदी की उम्मीद है।

गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने फरवरी में रेपो दर में 25 आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी कर 6.5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। आरबीआई ने पहले सीपीआई के अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। इससे पहले दिसंबर में महंगाई दर एक साल के निचले स्तर 5.72 फीसदी पर थी।

इस बीच, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर में भारत की जीडीपी विकास दर में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आई है, जो 4.4 प्रतिशत पर आ रही है। 4.4 प्रतिशत की नवीनतम तिमाही वृद्धि संख्या 6.3 प्रतिशत की वृद्धि से कम है जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में देखी गई थी।

टॅग्स :मुद्रास्फीतिभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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