भारतीय रिजर्व बैंकः गवर्नर शक्तिकांत दास बोले- आर्थिक रिवाइवल की देहली पर भारत

By भाषा | Published: October 22, 2020 01:12 PM2020-10-22T13:12:28+5:302020-10-22T13:12:28+5:30

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कई वित्तीय इकाइयां पहले ही पूंजी जुटा चुकी हैं, कुछ पूंजी जुटाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आने वाले महीनों में वे पूंजी जुटा लेंगी।

Reserve Bank of India governor Shaktikanta Das India doorstep economic revival | भारतीय रिजर्व बैंकः गवर्नर शक्तिकांत दास बोले- आर्थिक रिवाइवल की देहली पर भारत

दोनों नीतियां समरूपता से काम कर रही हैं। वास्तव में राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां आज प्रति-चक्रीय बनी हुई हैं।

Highlightsजहां तक दबाव की बात है, मैंने खुद बैंकों और एनबीएफसी से बातचीत की है।पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने और पूंजी का बफर तैयार करने की जरूरत के लिए उनकी सक्रियता ने हमें प्रभावित किया है।राजकोषीय और मौद्रिक नीति में किसी तरह की समानता होने के प्रश्न पर दास ने कहा कि दोनों ने लचीला और उदार रुख अपनाया है।

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक की उदार एवं अनुकूल मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों के चलते भारत आर्थिक पुनरूत्थान की देहली पर खड़ा है।

वह पूर्व नौकरशाह तथा वित्त आयोग के मौजूदा चेयरमैन एन. के. सिंह की किताब ‘पोट्रेट्स ऑफ पावर: हॉफ ए सेंचुरी ऑफ बीइंग एट रिंगसाइड’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम लगभग आर्थिक पुनरूत्थान की देहली पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि वित्तीय इकाइयों के पास वृद्धि को समर्थन के लिए पर्याप्त पूंजी हो।’’

दास ने कहा कि कई वित्तीय इकाइयां पहले ही पूंजी जुटा चुकी हैं, कुछ पूंजी जुटाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आने वाले महीनों में वे पूंजी जुटा लेंगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही कोरोना वायरस संकट का अंत होगा रिजर्व बैंक सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से उन पर दबाव का आंतरिक विश्लेषण करने के लिए कहेगा। दास ने कहा, ‘‘ जहां तक दबाव की बात है, मैंने खुद बैंकों और एनबीएफसी से बातचीत की है।

अपनी वित्तीय इकाइयों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने और पूंजी का बफर तैयार करने की जरूरत के लिए उनकी सक्रियता ने हमें प्रभावित किया है।’’ उन्होंने कहा कि पूंजीकरण की प्रक्रिया ना सिर्फ उनके वित्तीय दबाव से निपटने के लचीले रुख को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि ऋण प्रवाह को बनाए रखते हुए उन्हें वृद्धि करने के लिए पर्याप्त कोष भी उपलब्ध कराएगी। राजकोषीय और मौद्रिक नीति में किसी तरह की समानता होने के प्रश्न पर दास ने कहा कि दोनों ने लचीला और उदार रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों नीतियां समरूपता से काम कर रही हैं। वास्तव में राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां आज प्रति-चक्रीय बनी हुई हैं।’’ गवर्नर ने कहा कि भारत ने कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने के लिए राजकोषीय विस्तार का रास्ता चुनना है। सरकार ने समाज के कमजोर तबकों को वित्तीय मदद देने के लिए कई कदम उठाए हैं।

इसके बाद उद्योग और कारोबार श्रेणी को भी कुछ राहत उपलब्ध करायी है। वहीं जहां तक केंद्रीय बैंक का सवाल है हम पहले ही मौद्रिक विस्तार कर रहे हैं। वास्तव में हमने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो हकीकत में रिजर्व बैंक के औजारों में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद, एक बार महामारी पर नियंत्रण हासिल होने के पश्चात सरकार निश्चित रूप से आगे की राजकोषीय योजना की जानकारी प्रस्तुत करेगी। 

Web Title: Reserve Bank of India governor Shaktikanta Das India doorstep economic revival

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