रिजर्व बैंक ने तैयार किया डिजिटल भुगतान सूचकांक
By भाषा | Updated: January 1, 2021 21:09 IST2021-01-01T21:09:46+5:302021-01-01T21:09:46+5:30

रिजर्व बैंक ने तैयार किया डिजिटल भुगतान सूचकांक
मुंबई, एक जनवरी भारतीय रिजर्व बैंक ने (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसने देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण के स्तर का पता लगाने के लिये एक समग्र डिजिटल भुगतान सूचकांक (डीपीआई) बनाया है। इसके लिये आधार अवधि मार्च 2018 को बनाया गया है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘मार्च 2019 और मार्च 2020 के लिये डीपीआई क्रमश: 153.47 और 207.84 रहा। यह अच्छी वृद्धि का संकेत देता है।’’
आने वाले समय में मार्च 2021 से चार महीने के अंतर के साथ आरबीआई-डीपीआई का प्रकाशन छमाही आधार पर केंदीय बैंक की वेबसाइट पर किया जाएगा।
आरबीआई-डीपीआई में पांच व्यापक मानदंड शामिल हैं जो विभिन्न समयावधि में डिजिटल भुगतान की पैठ और स्थिति का आकलन करते हैं।
ये मानदंड हैं... भुगतान को सुगम बनाने वाले (25 प्रतिशत भारांश), भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा-मांग पक्ष कारक (10 प्रतिशत), भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा-आपूर्ति पक्ष कारक (15 प्रतिशत), भुगतान प्रदर्शन (45 प्रतिशत) और उपभोक्ता केंद्रित (5 प्रतिशत)।
इन प्रत्येक मानदंडों के उप-मानदंड हैं जिसमें डिजिटल लेन-देन का पता लगाने वाले विभिन्न संकेतक शामिल हैं।
आरबीआई-डीपीआई को मार्च 2018 को आधार अवधि मानकर तैयार किया गया है। इसका मतलब है कि मार्च 2018 के लिये डीपीआई अंक 100 है।
इससे पहले, आरबीआई ने फरवरी में घोषणा की थी कि वह भुगतान के मामले में डिजिटलीकरण के स्तर का पता लगाने के लिये समग्र डीपीआई प्रकाशित करेगा।
इस पहल का मकसद डिजिटल भुगतान के तौर-तरीकों की स्थिति का सटीक आकलन करना है।
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