मुंबई/ कोलकाता, चार अक्टूबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (एसआईएफएल) और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (एसईएफएल) के निदेशक मंडल को कंपनी संचालन संबंधी चिंताओं और भुगतान चूक का हवाला देते हुए हटा दिया।
एक बयान में कहा गया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक रजनीश शर्मा को दोनों एनबीएफसी का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
वर्ष 2019 में डीएचएफएल के मामले के बाद यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत समाधान प्रक्रिया के लिए संस्थाओं को संदर्भित किया है।
बयान के मुताबिक, ‘‘रिजर्व बैंक जल्द ही दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता (वित्तीय सेवा प्रदाताओं की दिवाला और परिसमापन कार्यवाही और न्याय प्राधिकारी को आवेदन) नियम 2019 के तहत दोनों एनबीएफसी के समाधान की प्रक्रिया शुरू करेगा और एनसीएलटी द्वारा दिवालिया समाधान पेशेवर के रूप में प्रशासक की भी नियुक्ति की जाएगी।’’
इसके साथ ही आरबीआई ने श्रेई समूह की दोनों फर्मों के प्रशासक की सहायता के लिए एक तीन सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन भी किया।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने प्रशासक की सहायता के लिए तीन सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया है।’’
सलाहकार समिति के सदस्य - आर सुब्रमण्यकुमार (पूर्व एमडी और सीईओ, इंडियन ओवरसीज बैंक), टी टी श्रीनिवासराघवन (पूर्व प्रबंध निदेशक, सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड) और फारुख एन सूबेदार (पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी और कंपनी सचिव, टाटा संस लिमिटेड) हैं।
श्रेई समूह पर एक्सिस बैंक, यूको बैंक और भारतीय स्टेट बैंक सहित लगभग 15 बैंकों का लगभग 18,000 करोड़ रुपये बकाया है।
श्रेई समूह के प्रवक्ता ने सोमवार को एक बयान में कहा कि एसआईएफएल आरबीआई के इस कदम से ‘‘हैरान’’ है, क्योंकि बैंक नवंबर 2020 से लगातार नियंत्रण वाले एस्क्रो खाते से धन स्वीकार कर रहा है।
साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि वकीलों की सलाह के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
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