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RBI MPC Updates: घर, गाड़ी और अन्य कर्ज लेने वाले के लिए बड़ी खबर, फ्लोटिंग से फिक्स्ड ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति जल्द, जानें कैसे होगा असर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 10, 2023 12:45 IST

RBI MPC Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

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ठळक मुद्देमकान, वाहन समेत अन्य कर्ज पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है।चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है।

RBI MPC Updates: भारतीय रिजर्व बैंक कर्ज लेने वाले लोगों को परिवर्तनशील (फ्लोटिंग) ब्याज दर से निश्चित (फिक्स्ड) ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। इस कदम से मकान, वाहन और अन्य कर्ज लेने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ऐसे ग्राहक ही ऊंची ब्याज दरों से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए एक नया ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसके तहत ऋणदाताओं को कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ऋण की अवधि तथा मासिक किस्त (ईएमआई) के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी।

दास ने कहा, ‘‘ रिजर्व बैंक द्वारा की गई पर्यवेक्षी समीक्षा और लोगों से मिली प्रतिक्रिया में कई बार उधार लेने वालों की सहमति तथा उचित संवाद के बिना फ्लोटिंग रेट कर्ज की अवधि को अनुचित रूप से बढ़ाने के कई उदाहरण सामने आए।’’

उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए कर्ज लेने वालों के समक्ष पेश हो रही समस्याओं के समाधान के लिए एक उचित आचरण ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका सभी विनियमित संस्थाओं द्वारा पालन किया जाए। दास ने कहा कि इसमें अवधि या मासिक किस्त में किसी तरह के बदलाव के लिए कर्ज लेने वालों के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करना होगा।

कर्ज लेने वाले ग्राहकों को निश्चित (फिक्स्ड) दर का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जल्द जारी किए जाएंगे। दास ने कहा कि अवसंरचना ऋण कोष (आईडीएफ) बुनियादी ढांचा क्षेत्र के वित्तपोषण और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था) की विभिन्न श्रेणियों पर लागू नियमनों के सामंजस्य में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ विचार-विमर्श में आईडीएफ के लिए मौजूदा नियामकीय ढांचे की समीक्षा की जा रही है।

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)Reserve Bank of Indiaशक्तिकांत दास
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