RBI Repo Rate: रेपो रेट में हुआ 50 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा, RBI ने की उदार रुख वापस लेने की घोषणा
By मनाली रस्तोगी | Published: September 30, 2022 10:30 AM2022-09-30T10:30:02+5:302022-09-30T10:47:13+5:30
पिछले महीने आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में और 50 आधार अंकों की वृद्धि की घोषणा की थी।
नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया। रेपो दर अब 5.90 प्रतिशत हुई। दास ने ये भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया।
वहीं, दास ने आगे कहा कि मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति का सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का निर्णय रहा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नए 'तूफान' का सामना कर रहे हैं।
वहीं, दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही, आरबीआई ने ये भी कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां स्थिर हैं। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हालिया नरमी अगर कायम रही तो मुद्रास्फीति के मोर्चे पर राहत मिल सकती है। वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति का अनुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया।
दास ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया। आरबीआई का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल व्यवस्थित है, इस साल 28 सितंबर तक इसमें केवल 7.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आरबीआई गवर्नर ने ये भी बताया कि बैंक ऋण 16.2 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ा है।