केन्द्रीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच जारी काफी दिनों से जारी है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उर्जित पटेल इस्तीफे का मन बना चुके हैं।केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच तनाव की खबरों के बीच सीएनबीसी टीवी-18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उर्जित पटेल इस्तीफे का मन बना चुके हैं।
रिजर्व बैंक के सेक्शन 7 के तहत सरकार को ये अधिकार है कि वो आरबीआई के गवर्नर को गंभीर और जनता के हित के मुद्दों पर काम करने के लिए निर्देश दे सकती है। ये सेक्शन स्वतंत्रता के बाद अब तक उपयोग में नहीं किया गया है। खबर के अनुसार केन्द्र सरकार और आरबीआई में सूत्रों के आधार पर रिपोर्ट ने दावा किया है कि आरबीआई और केन्द्र सरकार के बीच अहम अंतर पैदा हो चुके हैं जिसको अब भरा नहीं जा सकता है।
वहीं, सुब्रमण्य स्वामी ने ट्वीट करके कहा है कि यदि आरबीआई के गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया। तो यह एनएमए के लिए कल सार्वजनिक रूप से उन्हें दोषी ठहराते हुए एफएम का सीधा परिणाम है। पटेल अर्थशास्त्र के विद्वान हैं (बैंकिंग में पीएचडी)। उन्हें रहने के लिए राजी किया जाना चाहिए।
ऐसे में दूसरे उसके सामने सभी विकल्प खुले हुए हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम के दौरान आरबीआई की आलोचना की थी। हांलाकि खुद उर्जित की ओर से इस्तीफे की खबरों पर किसी तरह का कोई बयान पेश नहीं किया गया है। खबरों की मानें तो सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करने के बाद समय-समय पर जनता के हित में रिजर्व बैंक को आदेश दे सकती है। वहीं, रिजर्व बैंक का देश में महंगाई को नियंत्रित करने और बैंक नोट को जारी करने का प्रमुख काम है।
जेटली ने दावा किया था कि 2008 से 2014 के बीच देश के बैंकों ने बड़े स्तर पर कर्ज देने का काम किया। उनके इस बयान से पहले ही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सरकार इस बात से नाराज है कि आरबीआई ने केंद्र सरकार के साथ कड़वाहट भरे संबंधों की बात क्यों उजागर की थी।