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RBI data: रिकॉर्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, आरबीआई ने कहा- आवास ऋण बकाया में वृद्धि, आखिर क्या है इसके पीछे वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 6, 2024 11:56 IST

RBI data: संपत्ति सलाहकारों की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वित्त वर्षों में घरों की बिक्री और कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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ठळक मुद्देआंकड़ा मार्च, 2023 में 19,88,532 करोड़ रुपये और मार्च, 2022 में 17,26,697 करोड़ रुपये था।वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए बकाया ऋण मार्च 2024 में 4,48,145 करोड़ रुपये था।मार्च, 2022 में 2,97,231 करोड़ रुपये था।

RBI data: आवास क्षेत्र के लिए बकाया ऋण पिछले दो वित्त वर्षों में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये बढ़कर इस साल मार्च में रिकॉर्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आरबीआई के ‘बैंक ऋण के क्षेत्रवार वितरण’ आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। बैंकिंग और रियल एस्टेट क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड महामारी के बाद आवासीय संपत्ति बाजार में दबी मांग सामने आने के चलते आवास ऋण बकाया में वृद्धि हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मार्च, 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रवार वितरण पर आंकड़ों के अनुसार आवास (प्राथमिकता क्षेत्र आवास सहित) के लिए बकाया ऋण मार्च, 2024 में 27,22,720 करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा मार्च, 2023 में 19,88,532 करोड़ रुपये और मार्च, 2022 में 17,26,697 करोड़ रुपये था।

आंकड़ों से यह भी पता चला कि वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए बकाया ऋण मार्च 2024 में 4,48,145 करोड़ रुपये था। यह मार्च, 2022 में 2,97,231 करोड़ रुपये था। विभिन्न संपत्ति सलाहकारों की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वित्त वर्षों में घरों की बिक्री और कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आवास ऋण में उच्च वृद्धि आवासीय क्षेत्र के सभी खंडों में तेजी के चलते है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से किफायती आवास खंड में सरकार के प्रयासों के कारण तेजी देखी गई है। सबनवीस ने कहा कि आवास ऋण की वृद्धि मजबूत बनी रहेगी, लेकिन उच्च आधार के कारण यह घटकर 15-20 प्रतिशत रह सकती है।

आरबीआई के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए रियल एस्टेट विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक समीर जसूजा ने कहा कि बकाया आवास ऋणों में वृद्धि मुख्य रूप से पिछले दो वित्त वर्षों में पेश की गईं और बेची गई संपत्तियों की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण है।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 से पहली श्रेणी के शहरों में 50-100 प्रतिशत के बीच मूल्य वृद्धि देखी गई है। इसके चलते प्रति संपत्ति औसत ऋण आकार में वृद्धि हुई। जसूजा को उम्मीद है कि आवास ऋण खंड में तेजी बनी रहेगी, क्योंकि आवासीय रियल एस्टेट की मांग मजबूत बनी हुई है। कृसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा कि बड़े घरों की मांग वास्तव में आसमान छू रही है। उन्होंने कहा कि जिन घरों को कभी विलासिता का माना जाता था, आज वे जरूरत बन गए हैं। 

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)Reserve Bank of India
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