रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट की दर को घटा दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। यह अब 5.40 प्रतिशत से घटकर 5.15 प्रतिशत पहुंच गया है। मार्च-2010 के बाद यह सबसे कम दर है। रेपो रेट वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को लोन देता है। इस राहत के लोन लेने वाले आम लोगों की आईएमआई में कमी आएगी। दरअसल, रेपो रेट घटने के बाद अब बैंक भी ब्याज दर घटाएंगे और लोगों का फायदा होगा। इससे होम लोन, ऑटो लोन आदि की ईएमआई कम हो जाएगी।
इस साल जनवरी से अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 1.35 फीसदी तक कटौती कर चुका है। यह लगातार पांचवीं बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती की है। साथ ही 2019-20 के लिए जीडीपी का अनुमान पिछले मौद्रिक समीक्षा बैठकों के 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 कर दिया है। साल 2020-21 के लिए जीडीपी का अनुमान 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है।
इससे पहले रिजर्व बैंक की ओर से नीतिगत दरों के बारे में घोषणा से पहले शुक्रवार को मुद्रा बाजार में रुपये की मजबूत शुरुआत हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे की मजबूती के साथ 70.78 पर खुला। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन दिन हुई थी। बीच में दो अक्टूबर को गांधी जयंती का अवकाश रहा। चालू वित्त वर्ष में यह चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा है।