रिजर्व बैंक की समिति ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में बदलाव का समर्थन किया

By भाषा | Updated: November 26, 2021 18:04 IST2021-11-26T18:04:48+5:302021-11-26T18:04:48+5:30

RBI committee favors change in promoters' stake in private banks | रिजर्व बैंक की समिति ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में बदलाव का समर्थन किया

रिजर्व बैंक की समिति ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में बदलाव का समर्थन किया

मुंबई, 26 नवंबर निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और कॉरपोरेट संरचना से संबंधित रिजर्व बैंक के एक आंतरिक कार्य समूह ने प्रवर्तकों को पहले पांच वर्षों में मौजूदा 40 प्रतिशत की तुलना में कितनी भी प्रतिशत हिस्सेदारी को बनाए रखने और फिर 15 साल के संचालन के बाद इसे 26 प्रतिशत पर सीमित करने की मंजूरी देने का समर्थन किया है।

रिजर्व बैंक के मौजूदा नियमों के मुताबिक, किसी निजी बैंक के प्रवर्तक को 10 वर्षों के भीतर अपनी हिस्सेदारी घटाकर 20 प्रतिशत और 15 वर्षों के भीतर 15 प्रतिशत करने की जरूरत है।

केंद्रीय बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए स्वामित्व दिशानिर्देशों और कॉरपोरेट संरचना पर रिपोर्ट जारी करते हुए शुक्रवार को कहा कि 15 साल के लंबे समय में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी की सीमा, बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी के 15 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 26 प्रतिशत की जा सकती है।

प्रवर्तकों की प्रारंभिक शेयरधारिता के लिए अनिवार्य लॉक-इन अवधि पर, रिपोर्ट शुरुआती लॉक-इन जरूरतों से संबंधित मौजूदा निर्देशों में किसी बदलाव का समर्थन नहीं करती है, जो कि पहले पांच वर्षों में बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी के न्यूनतम 40 प्रतिशत के रूप में जारी रह सकती है।

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Web Title: RBI committee favors change in promoters' stake in private banks

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