Rajasthan Tourism: विदेशियों को भायी लाख की चूड़ियां, चाक चलाते कुम्हार और लोहार हुनर, कच्छी घोड़ी नृत्य पर ताल से ताल मिलाई, देखें तस्वीरें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 17, 2023 05:39 PM2023-10-17T17:39:29+5:302023-10-17T17:40:14+5:30

Rajasthan Tourism: राजस्थानी रंग में रंगे सैलानियों ने यहां वीर रस से भरपूर कच्छी घोड़ी नृत्य पर ताल से ताल मिलाई तो बहरूपिया कला, कठपुतली कलाकारों व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशी- विदेशी सैलानियों का मन मोह लिया। 

Rajasthan Tourism Foreigners liked lac bangles potters and blacksmiths skills using wheel dance to tune of Kachchi Ghodi dance, see photos | Rajasthan Tourism: विदेशियों को भायी लाख की चूड़ियां, चाक चलाते कुम्हार और लोहार हुनर, कच्छी घोड़ी नृत्य पर ताल से ताल मिलाई, देखें तस्वीरें

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Highlightsसैलानियों का स्वागत परम्परागत तरीके से माला पहना कर व तिलक लगा कर किया गया।पहले दिन करीब 300 व दूसरे 200 विदेशी सैलानी आभानेरी फेस्टिवल में भाग लेने पहुंचे।फेस्टिवल के लिए जरिए हैरिटेज टूरिज्म को प्रमोट किया जाता है।

Rajasthan Tourism: राजस्थान पर्यटन विभाग और दौसा जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय आभानेरी फेस्टिवल का आयोजन, आभानेरी में  16 -17 अक्टूबर को किया गया। दो दिनों तक यहां पर देशी व विदेशी सैलानियों ने राजस्थानी संस्कृति और अतिथि-सत्कार का आनंद लिया।

राजस्थानी रंग में रंगे सैलानियों ने यहां वीर रस से भरपूर कच्छी घोड़ी नृत्य पर ताल से ताल मिलाई तो बहरूपिया कला, कठपुतली कलाकारों व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशी- विदेशी सैलानियों का मन मोह लिया। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि आभानेरी ग्राम में देशी-विदेशी सैलानियों का स्वागत परम्परागत तरीके से माला पहना कर व तिलक लगा कर किया गया।

उन्होंने कहा कि पहले दिन करीब 300 व दूसरे 200 विदेशी सैलानी आभानेरी फेस्टिवल में भाग लेने पहुंचे। विदेशी पावणो के साथ ही हजारों की संख्या में उत्साहित देशी सैलानी भी इस उत्सव का लुत्फ लेने दौसा जिले के आभानेरी ग्राम पहुंचे। शेखावत ने कहा कि इस फेस्टिवल के दौरान पर्यटन विभाग ने नवाचार करते हुए यहां पहली बार लखेरों, कुम्हार व लोहारों को हुनर दिखाने के लिए बुलाया गया।

विदेशियों ने लाख की चूड़ियों को बनते देखा, कुम्हार के चलते चाक व लोहारों के उत्पादों को देख विदेशी काफी प्रसन्न नजर आए उन्होंने स्थानीय हुनरमंदों से खरीददारी भी की। उन्होंने बताया की इस फेस्टिवल के लिए जरिए हैरिटेज टूरिज्म को प्रमोट किया जाता है। उन्होंने कहा कि देशी- विदेशी सैलानियों के यहां पर कैमलकार्ट की व्यवस्था है।

जिसके जरिए वे ग्राम-भ्रमण पर निकलते हैं, कैमल कार्ट को विदेशियों से सहित देशी सैलानी भी काफी पसंद कर रहे हैं। शेखावत ने बताया कि आभानेरीग्राम में दसवीं शताब्दी का हर्षद माता मंदिर व उसके पास ही विश्वविख्यात चांद वावड़ी सैलानियों के लिए खासी आकर्षण का केंद्र है।

सवेरे शाम तक सैलानी ग्राम दर्शन, चांद बावड़ी व माता के मंदिर के दर्शन करते हैं वहीं शाम को सात से नौ बजे सांस्कृतिक संध्या का आयोजन उन्हें मंत्रमुग्ध कर देता है। शेखावत ने कहा कि सोमवार को यह फेस्टिवल शुरू हुआ और मंगलवार को इस फेस्टिवल का समापन भारतीय कला संस्थान के कलाकारों की  मोहक रास-रंग रसिया कार्यक्रम के साथ हुआ।

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