बजट में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना का प्रस्ताव, उद्योग ने किया स्वागत
By भाषा | Updated: February 1, 2021 21:09 IST2021-02-01T21:09:07+5:302021-02-01T21:09:07+5:30

बजट में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना का प्रस्ताव, उद्योग ने किया स्वागत
नयी दिल्ली, एक फरवरी सरकार ने सोमवार को बजट में देश में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की नीति शुरू करने की घोषणा की। यह भारत को कपड़ा क्षेत्र में पूरी तरह से एकीकृत व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विनिर्माण एवं निर्यात केंद्र बनाने की सरकार की कोशिश का हिस्सा है। यह नीति विश्वस्तरीय बुनियादी संरचना तैयार कर कपड़ा क्षेत्र में बड़े निवेश आकर्षित करने तथा रोजगार के अवसरों का सृजन करने में मददगार होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के अतिरिक्त देश में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना पेश की जायेगी।’’
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अगले तीन साल में सात बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाये जायेंगे। इन पार्कों में एकीकृत सुविधाएं होंगी तथा परिवहन में होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने की व्यवस्थाएं होंगी। इसका उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में बड़े निवेश लाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पीएलआई योजना के अतिरिक्त होगी। इससे प्लग एंड प्ले सुविधा (आते ही काम शुरू करने की सुविधाओं से लैसे ढांचे) के साथ विश्वस्तरीय बुनियादी संरचना तैयार होगी। यह निर्यात में वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनियों के सृजन का मार्ग प्रशस्त करेगी। अगले तीन साल में सात टेक्सटाइल पार्क बनाये जायेंगे।’’
प्लग एंड प्ले सुविधा के तहत कंपनियों को पहले से तैयार बुनियादी संरचना मुहैया करायी जाती है। इससे कंपनियों को बिना कोई पूर्व तैयारी के सीधे परिचालन शुरू करने की सहूलियत मिलती है।
कपड़ा मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि वृहद एकीकृत कपड़ा क्षेत्र एवं परिधान (मित्र) पार्क और एक योजना पर विचार चल रहा है। ये पार्क एक हजार एकड़ से अधिक भूखंड पर स्थित होंगे। इनमें आधुनिक बुनियादी संरचनाएं, साझा सुविधाएं और शोध व विकास लैब भी होंगे।
अभी तक एकीकृत टेक्सटाइल पार्क योजना के तहत 59 टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी दी गयी है, जिनमें से 22 तैयार हो चुके हैं।
कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने एक ट्वीट में कहा कि मित्र की घोषणा भारतीय कपड़ा उद्योग के लिये स्थिति में परिवर्तन लाने वाली साबित होगी। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के साथ इस नयी योजना से अधिक निवेश और रोजगार के विस्तृत अवसर उपलब्ध होंगे।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मित्र योजना के जरिये अत्याधुनिक बुनियादी संरचना पर जोर देने से घरेलू विनिर्माताओं को अंतरराष्ट्रीय कपड़ा बाजार में समान स्तर मिलेगा। यह सभी खंडों के कपड़ा निर्यात में भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।’’
वित्त मंत्री सीतारमण ने कपड़ा क्षेत्र के द्वारा रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए कृत्रिम कपड़ों की कच्ची सामग्रियों पर शुल्क को तार्किक बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अब नायलॉन श्रृंखला को पॉलिस्टर व अन्य कृत्रिम धागों के समरूप बना रहे हैं। हम कैप्रोलैक्टम, नायलॉन चिप, नायलॉन धागे पर मूल सीमा शुल्क को एक समान घटाकर पांच प्रतिशत कर रहे हैं। यह कपड़ा उद्योग, एमएसएमई और निर्यातकों को भी मदद करेगा।’’
उन्होंने कहा कि किसानों की मदद करने के लिये कपास पर सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जा रहा है। इसी तरह कच्चे रेशम और रेशम के धागे पर शुल्क को अभी के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में कपड़े व परिधानों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है।
इस बीच कपड़ा उद्योग ने वित्त मंत्री की बजट घोषणाओं का स्वागत किया। इंडियन टेक्सप्रिन्योर्स फेडरेशन (आईटीएफ) ने कोयंबटूर में एक बयान में सात मित्र का प्रस्ताव कर कपड़ा क्षेत्र पर दिये गये ध्यान की सराहना की। आईटीएफ के संयोजक प्रभु दामोदरन ने कहा कि प्लग एंड प्ले मॉडल के साथ पार्क की संकल्पना कपड़ा व परिधान क्षेत्र विशेष तौर पर छोटे एवं मध्यम उपक्रमों को विनिर्माण ने प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगा। इसके अलावा पार्क को पर्यावरणीय, सामाजिक व प्रशासनिक लक्ष्यों से जोड़कर अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के साथ ही निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता है।
तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के राजा एम शनमुगम ने बजट का स्वागत करते हुए इसे प्रगतिशील और कपड़ा क्षेत्र की सभी समस्याओं को दूर करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि पार्क बनाने से निर्यात के क्षेत्र में देश में वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनियां तैयार होंगी। उन्होंने इन पार्कों में तिरुपुर के निर्यातकों के द्वारा इकाइयां लगाने का विकल्प चुनने की भी उम्मीद जाहिर की।
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