नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर लिंक्डइन के एक अध्ययन में कहा गया कि महामारी के बाद भारत में ज्यादातर व्यापारिक प्रमुख अधिक लचीलेपन की पेशकश करने के लिए दबाव महसूस कर रहे हैं और सक्रिय रूप से नई कार्यस्थल नीतियां बना रहे हैं। यह कर्मचारियों को इस बात की अधिक सुविधा देती हैं, कि वे कैसे काम करते हैं और कहां से काम करते हैं।
लिंक्डइन ‘फ्यूचर ऑफ वर्क’ अध्ययन के अनुसार भारत में 80 फीसदी व्यापारिक प्रमुख महामारी के बाद अधिक लचीला रुख अपनाने का दबाव महसूस कर रहे हैं और इस दवाब में कर्मचारियों, प्रबंधकों और सरकार, तीनों का प्रमुख योगदान है।
शोध फर्म जीएफके द्वारा किए गए लिंक्डइन के अध्ययन में भारत के 736 व्यापारिक प्रमुखों से काम के भविष्य, उनके द्वारा लचीलेपन की पेशकश, आगामी चुनौतियों और उन्हें हल करने की उनकी योजनाओं, के बारे में पूछा गया।
लिंक्डइन के भारत में क्षेत्रीय प्रबंधक आशुतोष गुप्ता ने कहा, ‘‘काम की नई दुनिया में लचीलापन सबसे बड़ी प्राथमिकता के रूप में उभरा है, और व्यापारिक प्रमुख इसे अधिक विविध प्रतिभाओं को नियुक्त करने और कारोबारी प्रदर्शन को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में देखते हैं।’’
गुप्ता ने कहा कि भारत में लगभग 10 में से नौ प्रमुखों ने कार्यस्थल की नीतियों को तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।