केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का विपक्ष पर पलटवार, बोले- 'PNB घोटाला' भी यूपीए-2 की देन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 16, 2018 05:34 PM2018-02-16T17:34:32+5:302018-02-16T17:51:51+5:30
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा, इस मामले की जांच चल रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सारा पैसा रिकवर किया जा सके।
नई दिल्ली, 16 फरवरी। पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13 हजार 500 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉफ्रेंस कर विपक्ष को दो टूक कहा कि सारे घोटाले यूपीए की देने है। पीएनबी घोटाला यूपीए-2 में 2011 से चल रहा है। वहीं दावोस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीरव मोदी की तस्वीर को लेकर जावड़ेकर ने कहा कि फोटो में साथ होने से कुछ नहीं होता, राहुल गांधी भी नीरव मोदी के एक शोरूम की ऑपनिंग में जा चुके हैं।
यह भी पढ़ें: इन लोगों पर लगे भारत के करोड़ों रुपए लूटने के आरोप, देश छोड़कर भागे
जावड़ेकर ने कहा कि यह मोदी सरकार की सतर्कता है, जिसने इस घोटाले को उजागर किया। यह यूपीए सरकार के दौर में हुए बैंक घोटाला है, न कि एनडीए सरकार का। उन्होंने कहा कि, यह बैंकिंग सेक्टर में हुए अभी तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी है, इस मामले की जांच चल रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सारा पैसा रिकवर किया जा सके।
It is the alertness of the NDA govt which has brought this scam into light. All the NPAs, the wrongful distribution of loans, amongst others were all passed down to us by the UPA Govt. This is a scam by the bank & not the govt: Prakash Javadekar #PNBFraudCasepic.twitter.com/APu2VycPu4
— ANI (@ANI) February 16, 2018
जावड़ेकर ने कहा, घोटाले की भनक लगने के बावजूद यूपीए सरकार के दौरान वित्त सचिव ने कार्रवाई करने के बजाय दिनेश दुबे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। हम पूछ रहे हैं कि दिनेश दुबे पर दबाव डालने के लिए वित्त सचिव पर किसने दबाव बनाया था।
यह भी पढ़ें: तस्वीरों में देखें अब तक के सबसे बड़े घोटाले, PNB घोटाला भी है लिस्ट में
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने एक प्रेस कॉफ्रेंस कर कहा था कि, धोखाधड़ी में शामिल किसी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, राजनीतिक दलों के नेता धोखाधड़ी के इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे रहे।
सुनील मेहता ने कहा, "हम स्वच्छ बैंकिंग के लिए जाने जाते हैं। धोखाधड़ी 2011 में शुरू हुई। जैसे ही हमें पता चला, हमने तुरंत नियामकीय व कानून को लागू करने वाली एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। इस धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी हम नहीं बख्शेंगे।"