Petrol, Diesel Price Today: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। भारतीय तेल विपणन कंपनियों ने रोजाना की तरह आज सुबह 6 बजे ईंधन के नए दाम जारी कर दिए हैं। इन दामों के आधार पर पूरे दिन तेल की बिक्री होगी। ये नियमित अपडेट पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं और उपभोक्ताओं को सबसे सटीक और वर्तमान ईंधन मूल्य स्थिति प्रदान करते हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें (7 जून 2025)
शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली ₹94.77 ₹87.67मुंबई ₹103.50 ₹90.03कोलकाता ₹105.01 ₹91.82चेन्नई ₹100.85 ₹92.39बेंगलुरु ₹102.98 ₹88.99हैदराबाद ₹107.46 ₹95.70जयपुर ₹105.07 ₹90.21लखनऊ ₹94.73 ₹87.86चंडीगढ़ ₹94.30 ₹82.45पटना ₹105.23 ₹92.09पुणे ₹102.12 ₹88.78अहमदाबाद ₹94.58 ₹88.99भोपाल ₹97.25 ₹91.03इंदौर ₹98.12 ₹91.50
ध्यान देने योग्य बात है कि ये कीमतें राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए वैट, माल ढुलाई शुल्क और स्थानीय करों के कारण राज्यों के बीच भिन्न हो सकती हैं।
पेट्रोल और डीजल की दरों के पीछे की वजह
पेट्रोल और डीजल की दरों (कीमतों) को प्रभावित करने वाले कई प्रमुख कारक होते हैं। ये दरें वैश्विक और घरेलू दोनों स्तरों पर कई घटकों से प्रभावित होती हैं। नीचे मुख्य कारकों की सूची दी गई है:
1. अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Prices)
भारत में पेट्रोल और डीजल का उत्पादन मुख्यतः आयातित कच्चे तेल से होता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव सीधे घरेलू ईंधन दरों को प्रभावित करता है।
2. रुपया-डॉलर विनिमय दर (INR-USD Exchange Rate)
चूंकि भारत कच्चा तेल डॉलर में खरीदता है, तो अगर रुपया कमजोर होता है, तो कच्चा तेल महंगा हो जाता है, जिससे दरें बढ़ती हैं।
3. उपकर और कर (Excise Duty, VAT, और अन्य टैक्स)
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगाती हैं:
केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty)
राज्य सरकार का वैट (VAT)
ये कर पेट्रोल की कीमत में बड़ा हिस्सा होते हैं (कई बार 50% से भी अधिक)।
4. रिफाइनिंग और वितरण लागत (Refining & Distribution Costs)
कच्चे तेल को पेट्रोल/डीजल में बदलने की लागत और डिस्ट्रीब्यूशन (ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज आदि) लागत।
5. मार्केटिंग मार्जिन (OMCs का Profit Margin)
तेल विपणन कंपनियाँ (जैसे IOC, BPCL, HPCL) अपने खर्च और लाभ के अनुसार मूल्य तय करती हैं।
6. सरकारी नीति और सब्सिडी
कभी-कभी सरकारें सब्सिडी या मूल्य नियंत्रण लागू करती हैं, विशेषकर चुनाव या आर्थिक संकट के समय।
7. मांग और आपूर्ति (Demand & Supply)
मौसम, आर्थिक गतिविधि और त्योहारी सीज़न में मांग बढ़ने पर कीमतें ऊपर जा सकती हैं।
8. भू-राजनीतिक स्थिति (Geopolitical Factors)
तेल उत्पादक देशों (जैसे ओपेक) में युद्ध, प्रतिबंध, या उत्पादन कटौती जैसी स्थितियाँ वैश्विक तेल आपूर्ति को प्रभावित करती हैं।