नयी दिल्ली, 10 नवंबर पेटीएम के 18,300 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बुधवार को निर्गम के अंतिम दिन 1.89 गुना अभिदान मिला। पेटीएम का आईपीओ देश के इतिहास में सबसे बड़ी शेयर बिक्री है। इससे पेटीएम देश की सबसे मूल्यवान कंपनियों की श्रेणी में शामिल हो गई है।
शेयर बाजार से मिली जानकारी के अनुसार, पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के आईपीओ को 4.83 करोड़ शेयरों की पेशकश पर कुल 9.14 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं।
आईपीओ के तहत खुदरा निवेशकों के खंड को काफी जल्दी पूर्ण अभिदान मिल गया था। वहीं संस्थागत खरीदारों (विदेशी संस्थागत निवेशक सहित) के लिए आरक्षित शेयरों पर बुधवार को जमकर बोलियां मिलीं। संस्थागत खरीदारों के खंड को 2.79 गुना अभिदान मिला।
गैर-संस्थागत निवेशकों के खंड मसलन उच्च संपदा वाले लोगों और कंपनियों ने अपने लिए रखे गए शेयरों पर मात्र 24 प्रतिशत के लिए बोलियां लगाईं।
अब पेटीएम अगले सप्ताह सूचीबद्धता के लिए तैयार है। यह देश की सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल हो गई है।
शेयर बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि पेटीमएम के आईपीओ के लिए अंतिम दिन पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी), घरेलू संस्थागत निवेशकों तथा म्यूचुअल फंड कंपनियों ने जबर्दस्त उत्साह दिखाया।
शुरुआती दो दिन में क्यूआईबी ने आईपीओ को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था। लेकिन आज उन्होंने इसे हाथों हाथ लिया। क्यूआईबी ने 2.63 करोड़ शेयरों की पेशकश पर 7.28 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगाईं।
इनमें से 7.28 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां एफआईआई से मिलीं। खुदरा निवेशकों के खंड में 87 लाख शेयरों की पेशकश पर 1.66 गुना अभिदान आया।
पेटीएम ने आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 2,080 से 2,150 रुपये प्रति शेयर तय किया था। मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन 1.39 लाख करोड़ रुपये बैठता है।
पेटीएम का आईपीओ पहले के सबसे बड़े कोल इंडिया के आईपीओ से भी बड़ा है। यह करीब एक दशक पहले आया था। कोल इंडिया का आईपीओ 15,000 करोड़ रुपये का था। पेटीएम ने पिछले सप्ताह एंकर निवेशकों से 8,235 करोड़ रुपये जुटाए थे।
पेटीएम की शुरुआत अलीगढ़ के एक शिक्षक के पुत्र ने मोबाइल फोन रिचार्ज करने के मंच के रूप में एक दशक पहले की थी।
शेयरों का आवंटन संभवत: 15 नवंबर को किया जाएगा। 18 नवंबर को कंपनी के शेयर सूचीबद्ध हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि उस समय कंपनी का मूल्यांकन 20 अरब डॉलर रह सकता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।