मेकमाईट्रिप, गोइबिबो और ओयो पर 392 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना, जानें क्या है कारण
By भाषा | Published: October 19, 2022 10:09 PM2022-10-19T22:09:04+5:302022-10-19T22:12:54+5:30
मेकमाईट्रिप - गोइबिबो (एमएमटी-गो) पर 223.48 करोड़ रुपये और ओयो पर 168.88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्लीः भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बुधवार को ऑनलाइन यात्रा सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी मेकमाईट्रिप, गोइबिबो और होटल सेवाएं देने वाली ओयो पर अनुचित व्यापार गतिविधियों के लिए कुल 392 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया।
आयोग ने 131 पेज के अपने आदेश में कहा कि मेकमाईट्रिप - गोइबिबो (एमएमटी-गो) पर 223.48 करोड़ रुपये और ओयो पर 168.88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एमएमटी-गो पर यह आरोप लगाया गया कि उसने होटल भागीदारों के साथ अपने समझौतों में मूल्य समानता लागू की।
इस तरह के समझौतों के तहत, होटल भागीदारों को अपने कमरे किसी दूसरे मंच पर या अपने ऑनलाइन पोर्टल पर उस कीमत से कम कीमत पर देने की अनुमति नहीं है, जिस कीमत पर वे इन दो संस्थाओं के मंच पर पेशकश कर रहे हैं। सीसीआई ने जुर्माना लगाने के साथ ही एमएमटी-गो से कहा कि वह होटल संचालकों के साथ अपने समझौतों को संशोधित करे।
एक आरोप यह भी लगाया गया था कि एमएमटी ने अपने मंच पर ओयो को तरजीह दी, जिससे अन्य कंपनियों के लिए बाजार पहुंच बाधित हुई। नियामक ने अक्टूबर 2019 में मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। मेकमाईट्रिप (एमएमटी) ने 2017 में आईबिबो ग्रुप होल्डिंग का अधिग्रहण किया था, जो गोइबिबो बांड नाम के तहत कारोबार करती है।