विदेशों में तेलों के भाव गिरे, घरेलू बाजार में भी दिखा असर, भाव घटे

By भाषा | Updated: May 27, 2021 19:10 IST2021-05-27T19:10:26+5:302021-05-27T19:10:26+5:30

Oil prices fell in foreign countries, the effect was seen in the domestic market as well, prices fell | विदेशों में तेलों के भाव गिरे, घरेलू बाजार में भी दिखा असर, भाव घटे

विदेशों में तेलों के भाव गिरे, घरेलू बाजार में भी दिखा असर, भाव घटे

नयी दिल्ली, 27 मई आयात शुल्क में कमी की अफवाह झूठी साबित होने के बाद विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव औंधे मुंह गिर गये। इस गिरावट का असर घरेलू तेल तिलहनों पर भी हुआ और सोयाबीन, सरसों तेल, तिल, बिनौला तथा पाम एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम होने की अफवाह आखिर झूठी साबित हुई जिससे विदेशों में भाव औंधे मुंह गिर गये। इस गिरावट के आम रुख के अनुरूप देशी तेल तिलहन कीमतों में भी अच्छी खासी गिरावट आई। विदेशी बाजारों में कल रात मलेशिया एक्सचेंज में तीन प्रतिशत और शिकागो एक्सचेंज में दो प्रतिशत की गिरावट आई।

सूत्रों ने कहा कि आठ जून से सरसों तेल की मिलावट पर रोक लगाने के फैसले के बाद सोयाबीन डीगम और पामोलीन की मांग कमजोर हुई है। इसकी वजह से इन आयातित तेलों के भाव भी काफी नरम पड़े हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों में मिलावट पर रोक घरेलू उपभोक्ताओं और उत्पादक दोनों के लिये फायदेमंद होगी। एक तरफ जहां बिना मिलावट तेल उपलब्ध होगा वहीं देश में इसका उत्पादन बढ़ेगा।

सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सोयाबीन के बीज के लिए अच्छे दाने की किल्लत है। फिलहाल सरकार के अच्छे बीज उपलब्ध कराने की घोषणा के बावजूद किसान अच्छे बीज महंगे दाम पर खरीद रहे हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सोयाबीन की दागी फसल और अच्छे दाने की किल्लत के कारण सोयाबीन पेराई मिलें धीरे धीरे बंद हो रही हैं। मु्र्गीदाने के लिए देश में तेल रहित खल की घरेलू मांग बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि देश में सभी जगहों पर मंडियों में सरसों की आवक कम हुई है। दिल्ली के नजफगढ़ मंडी में सरसों की दैनिक आवक 15-20 हजार बोरी की थी वह घटकर 500 से 600 बोरी रह गई। लेकिन विदेशों में तेल कीमतों के धराशायी होने के बाद घरेलू बाजार में भी सरसों तेल में गिरावट आई। सोयाबीन तेल के भाव भी गिरावट के साथ बंद हुए।

सूत्रों का कहना है कि तेल- तिलहन बाजार में झूठी अफवाहों के कारण किसानों, उत्पादकों और उद्योग सभी को नुकसान होता है। इस स्थिति में बदलाव की आवश्यकता है। देश को यदि विदेशी खाद्य तेल कंपनियों की मनमानी से बचाना है तो तेल तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना जरूरी है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,375 - 7,425 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,870 - 5,915 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,400 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,325 - 2,355 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,330 -2,380 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,430 - 2,530 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,200 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,850 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,850 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,800 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,750 रुपये।

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